पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है. घटते विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से पाकिस्तान की सरकार जरूर वस्तुओं का आयात (Import) करने में सक्षम नहीं है. इस वजह से आटे से लेकर चावल और तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं. इस बीच पाकिस्तान की शहबाज शरीफ की सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स से जनता पर 735 अरब रुपये का बोझ डाला है. लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान का बजट घाटा 6.22 ट्रिलियन रहने का अनुमान है. ये घाटा पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा है.
कर्ज के लिए किए गए बदलाव
राजकोषीय संकट की वजह से पाकिस्तान कर्ज के जाल में फंस चुका है. आर्थिक अस्थिरता ने पाकिस्तान को उस स्थिति में पहुंचा दिया है, जहां कर्ज का पुनर्गठन एकमात्र ऑप्शन नजर आ रहा है. आर्थिक संकट पर काबू पाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल जून में गैस की कीमत और बिजली की दरों में इजाफा किया था. इसके अलावा जनता पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ भी डाल दिया था. एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, टैक्स स्ट्रक्चर में ये बदलाव इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड से चल रही है बातचीत को ध्यान में रखते हुए लिया गया.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
पाकिस्तान के बजट को पेश किए जाने के पहले IMF ने बड़े पैमाने पर खर्च के बारे में सरकार को ध्यान देने के लिए कहा था. संकट से उबरने के लिए सरकार कुछ भी कर गुजरने को तैयार नजर आ रही है. यहां तक कि IMF ने मदद के लिए जो कड़ी शर्तें रखी हैं, न चाहते हुए भी उन्हें मानती जा रही है. रॉयटर्स के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) 3 अरब डॉलर से भी नीचे पहुंच चुका है और इसमें लगातार गिरावट आ रही है.
महंगाई दर 40 फीसदी पार
पाकिस्तान IMF फंडिंग हालिस करने के लिए तमाम उपाय कर रहा है. इनमें करों को बढ़ाना, सब्सिडी को हटाना समेत अन्य शामिल हैं. पाकिस्तान में महंगाई की मार को देखें तो मुद्रास्फीति दर 40% के पार पहुंच चुकी है और लोगों की थाली से रोटी-दाल-चावल गायब होते जा रहे हैं. . गैस से लेकर पेट्रोल-डीजल तक के दाम आसमान पर पहुंच चुके हैं. संकट से घिरे देश में जरूरी सामानों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बाद 23 फरवरी को समाप्त सप्ताह के लिए साल-दर-साल आधार पर 41.54% की वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति में एक नया हाई लेवल छुआ.
जनता से लेकर सेना तक प्रभावित
सरकार की ओर से देश का खजाना बचाने के लिए जो कम उठाए गए हैं, उनके आम जनता, सरकारी कर्मचारी से रईस लोगों से लेकर पाकिस्तान की सेना तक प्रभावित हुई है. सेना आपूर्ति में कटौती के चलते कथित तौर पर मेस में भोजन की कमी का सामना कर रही है. शहबाज शरीफ सरकार ने विदेशी मिशनों की संख्या में कटौती के साथ ही कार्यालयों और कर्मचारियों की संख्या घटाने के आदेश भी दिए हैं.
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