NSE का मार्केट कैप 6 लाख करोड़ के करीब, भारत का हो सकता है ये सबसे बड़ा IPO

अगर NSE अपनी इक्विटी का 10% हिस्सा भी बेचती है, तो यह प्राथमिक मार्ग के माध्यम से लगभग 55,000-60,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है, जो हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) के 28,870 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को तोड़ देगा. 

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आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2025,
  • अपडेटेड 7:44 PM IST

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने हाल के दिनों में निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है, क्योंकि इसकी गैर-सूचीबद्ध शेयरों की कीमत में तेज उछाल और प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) की चर्चा जोरों पर है.

बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनएसई के शेयरों की कीमत पिछले 15 दिनों में लगभग 60% बढ़कर 1,500 रुपये से 2,400 रुपये हो गई है. इस बढ़ोतरी के साथ कुल 24.50 करोड़ शेयरों के आधार पर NSE का मार्केट कैप अब 5.88 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यह वैल्यूवेएशन एनएसई के आगामी IPO को भारत के अब तक के सबसे बड़े IPO के रूप में स्थापित करने की संभावना को दर्शाता है.

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NSE IPO को लेकर क्रेज

दरअसल, अगर NSE अपनी इक्विटी का 10% हिस्सा भी बेचती है, तो यह प्राथमिक मार्ग के माध्यम से लगभग 55,000-60,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है, जो हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) के 28,870 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को तोड़ देगा. 

NSE ने भारतीय वित्तीय परिदृश्य में पिछले तीन दशकों में अपनी मजबूत भूमिका निभाई है. यह विश्व का सबसे बड़ा डेरिवेटिव्स एक्सचेंज है और ट्रेड की संख्या के आधार पर दूसरा सबसे बड़ा इक्विटी एक्सचेंज है, 

इसने साल 2024 में 268 IPOs के माध्यम से 1.67 लाख करोड़ रुपये जुटाकर अपने नेतृत्व को और मजबूत किया है. एनएसई के पास इक्विटी कैश सेगमेंट में 93.6% और इक्विटी फ्यूचर्स में 99.9% बाजार हिस्सेदारी है. वित्तीय वर्ष 2025 में, इसने 17,141 करोड़ रुपये का राजस्व और 12,188 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो क्रमशः 16% और 47% की बढ़ोतरी को दर्शाता है. प्रति शेयर 35 रुपये का लाभांश भी घोषित किया गया. ये मजबूत वित्तीय आंकड़े और वैश्विक स्तर पर इसकी स्थिति निवेशकों के बीच उत्साह का कारण हैं. 

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एनएसई की मजबूत वित्तीय स्थिति

इस बीच सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांता पांडे ने हाल ही में कहा कि एनएसई के IPO से संबंधित सभी मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. एनएसई ने 2016 में अपना IPO प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया था और अब सेबी से 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है. को-लोकेशन मामले में सेबी के साथ चल रही कानूनी प्रक्रिया के लिए एनएसई ने 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. 

इसके अलावा नए ISIN नंबर के साथ शेयरों की डिलीवरी का समय अब एक से दो दिन हो गया है, जो पहले दो महीने तक था. यह निवेशकों के लिए सुगमता का संकेत है.

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि एनएसई का IPO भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा IPO होगा. प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अविनाश गोरक्षकर ने कहा, टएनएसई एक नकदी सृजन करने वाली मशीन है और भारत में पूंजी बाजार की सीमित पहुंच के कारण अगले पांच वर्षों में इसकी वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं.' वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के इक्विटी स्ट्रैटेजी निदेशक क्रांति बाथिनी ने भी कहा कि मौजूदा मूल्यांकन और उच्च मांग को देखते हुए, एनएसई का IPO एलआईसी और हुंडई मोटर इंडिया को पीछे छोड़ देगा.

हालांकि, गैर-सूचीबद्ध शेयरों में निवेश जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि इनमें पारदर्शिता कम होती है और मूल्यांकन अनिश्चितता रहती है. फिर भी एनएसई की मजबूत वित्तीय स्थिति, बाजार नेतृत्व और वैश्विक स्तर पर इसकी स्थिति इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है. जैसे-जैसे एनएसई अपने IPO की ओर बढ़ रहा है, यह भारत के वित्तीय बाजारों में एक ऐतिहासिक क्षण बनने की ओर अग्रसर है.

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