इस रेलवे स्टेशन का बदल गया नाम, अब कहलाएगा 'अहिल्यानगर', जानिए पहले क्या था

Indian Railway: भारतीय रेलवे ने पुणे डिविजन के अहमदनगर रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया है. अब इस स्टेशन अहिल्यानगर स्टेशन के नाम से जाना जाएगा.

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भारतीय रेलवे ने बदल दिया अहमदनगर स्टेशन का नाम (File Photo) भारतीय रेलवे ने बदल दिया अहमदनगर स्टेशन का नाम (File Photo)

दिव्येश सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

भारतीय रेलवे की ओर से मंगलवार को सेंट्रल रेलवे के पुणे डिविजन में आने वाले एक स्टेशन का नाम आधिकारिक रूप से बदले जाने का ऐलान किया. यहां के अहमदनगर स्टेशन को अब अहिल्यानगर रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा. स्टेशन के नाम बदले जाने को लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर को श्रद्धांजलि बताया गया है. 

भारतीय रेलवे द्वारा किया गया ये बदलाव महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन और भारत के महासर्वेक्षक के लेटर के अनुरूप है. रेलवे के मुताबिक, स्टेशन का नाम जरूर बदला गया है, लेकिन इसके स्टेशन कोड में कोई बदलाव नहीं किया गया. अहिल्यानगर स्टेशन कोड ANG ही रहेगा. 

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अजित पवार ने उठाई थी मांग 

नाम में परिवर्तन किए जाने के बाद अलग-अलग भाषाओं में इस स्टेशन के नाम, देवनागरी (मराठी) में अहिल्यानगर, देवनागरी (हिंदी) में रोमन (अंग्रेजी) में AHILYANAGAR होगा. गौरतलब है महाराष्ट्र सरकार ने बीते शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद अहमदनगर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अहिल्यानगर रेलवे स्टेशन करने की अधिसूचना जारी की थी. 

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर पिछले महीने अहमदनगर रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का डिमांड की थी और केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद कहा था कि लंबे समय से चली आ रही मांग अब पूरी हो गई है. यहां बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले अहमदनगर जिले का नाम भी बदलकर अहिल्यानगर जिला कर दिया था. इसके बाद ही रेलवे मिनिस्टर को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि यहां मौजूद स्टेशन का नाम भी बदलकर शहर के नए नाम के अनुरूप किया जाए. 

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बीते साल बदला था जिले का नाम

बीते साल महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का नाम बदला गया था और इसे पुण्यश्लोक अहिल्या देवी जिला करने की राज्य सरकार की मांग को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिली थी. 13 मार्च 2024 को महाराष्ट्र कैबिनेट द्वारा इस बदलाव को प्रस्तावित किया गया था, जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंजूरी मिलने के बाद 4 अक्टूबर 2024 को आधिकारिक रूप से जिले का नाम बदल दिया गया था. केंद्र के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने नाम परिवर्तन को लेकर केंद्र की मंजूरी के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस फैसले को एक ऐतिहासिक घटना बताया था.

रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का प्रोसेस

भारत में स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया कई चरणों और सरकारी मंजूरियों के बाद पूरी होती है. जब किसी स्टेशन का नाम चेंज करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास आता है, तो वह उसकी समीक्षा करती है और उपयुक्त पाए जाने पर इसे मंजूरी देती है और केंद्र को भेजती है. सभी विभागों से एनओसी मिलने के बाद गृह मंत्रालय प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाता है और आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाती है. गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद रेल मंत्रालय और भारतीय रेलवे, उस स्टेशन के नाम को आधिकारिक रूप से बदलने की प्रक्रिया शुरू करते हैं.

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