भारत ने रूस से हर दिन मंगाया 10 लाख बैरल क्रूड ऑयल, पीछे छूटे सऊदी अरब-इराक

रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद से भारत लगातार क्रूड ऑयल का आयात कर रहा है. दिसंबर 2022 में भारत ने क्रूड इंपोर्ट के मामले में रूस के मुकाबले इराक और सऊदी अरब को पीछे छोड़ दिया है. यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो-PTI) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

भारत का रूस  (India Russia) से कच्चे तेल (Crude Oil) का निर्यात दिसंबर 2022 में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. रूस से भारत लगातार क्रूड ऑयल का इंपोर्ट कर रहा है. लेकिन दिसंबर 2022 में इंपोर्ट का आंकड़ा रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने दिसंबर 2022 में पहली बार रूस से 10 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया है. रूस ने अकेले दिसंबर में प्रतिदिन भारत को 1.19 लाख बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति की है. 

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जून में बना था रिकॉर्ड

इससे पहले रूस से सबसे अधिक क्रू़ड ऑयल इंपोर्ट का रिकॉर्ड जून 2022 में बना था, जब भारत ने प्रतिदिन 9,42,694 बैरल क्रूड ऑयल खरीदा था. रूस से आयात क्रू़ड भारत के कुल इंपोर्ट का 25 फीसदी हिस्सा बनता है. भारत ने रूस से उस समय भी क्रूड ऑयल का इंपोर्ट जारी रखा, जब यूरोपीय संघ और अमेरिका ने रूस के समुद्री तेल पर प्राइस कैप लगा दिया था.

तीसरा सबसे बड़ा आयातक भारत

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल की खपत करने वाला और आयात करने वाला देश है. यह अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. कच्चे तेल को रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में परिवर्तित किया जाता है. फिर ये फ्यूल के रूप में लोगों तक पहुंचता है. वोर्टेक्सा के आंकड़े के अनुसार, भारत ने दिसंबर में इराक से प्रतिदिन 8,03,228 बैरल क्रूड ऑयल खरीदा. वहीं, सऊदी अरब से 7,18,357 बैरल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से 3,23,811 बैरल क्रूड ऑयल का इंपोर्ट किया है. 

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अमेरिका ने की थी आलोचना

रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद से भारत ने रूस से भारी मात्रा में क्रूड ऑयल का इंपोर्ट शुरू किया था. यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. उसके तेल पर प्राइस कैप लगाकर इन देशों ने रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की है. भारत का रूस से तेल खरीदना अमेरिका को रास नहीं आ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसकी आलोचना भी की थी. लेकिन भारत ने रूस से तेल का आयात बंद नहीं किया.

अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बावजूद भारत रूस से भारी मात्रा में रियायत कीमतों पर कच्चा तेल खरीद रहा है. भारत इस कच्चे तेल को रिफाइन कर पश्चिमी देशों को महंगे दामों में निर्यात कर रहा है. 

रूस-यूक्रेन संघर्ष से पहले भारत का क्रूड बास्केट

रूस-यूक्रेन संघर्ष से पहले भारतीय क्रूड बास्केट का 60 फीसदी से अधिक हिस्सा मिडिल ईस्ट के देशों से आयात होता था. बाकी नॉर्थ अमेरिकी क्रूड लगभग 14 फीसदी, पश्चिम अफ्रीकी क्रूड लगभग 12 फीसदी, लैटिन अमेरिकी क्रूड 5 फीसदी और 2 फीसदी रूसी ग्रेड के साथ भारत का क्रूड ऑयल बास्केट बना था.

वोर्टेक्सा के अनुसार, भारत ने दिसंबर 2021 में रूस से प्रति दिन केवल 36,255 बैरल कच्चे तेल का आयात किया था. वहीं, इराक से प्रतिदिन 1.05 लाख बैरल क्रूड ऑयल का इंपोर्ट किया था, जबकि सऊदी अरब से प्रतिदिन 9,52,625 बैरल क्रूड ऑयल भारत ने दिसंबर 2021 में आयात किया था.

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