Health Insurance क्यों जरूरी? आपको कितने का हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए? जानिए सबकुछ

Health Insurance Details: सरकार स्वास्थ्य सेवा पर सकल घरेलू उत्पाद का सिर्फ 2.1% खर्च करती है, जो दुनिया में सबसे कम है. सरकारी अस्पताल संघर्ष कर रहे हैं, और ज्‍यादातर मिडिल के लोग वहां जाना पसंद नहीं करते.

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अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST

ये जिंदगी अनमोल है, लेकिन आज के दौर में जब आप एक प्राइवेट अस्पताल में जाते हैं और इलाज के बाद हाथ में जो बिल आता है, उससे पता चलता है कि जिंदगी में पैसे की कितनी अहमियत है. दरअसल, बीमारी कभी भी बिन बुलाए आ सकती है, और साथ लाती है मेडिकल खर्चों का बोझ. लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस आपके इस बोझ को हल्का कर सकता है. इसलिए हर किसी को अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए.

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हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी है, क्योंकि यह आपको और आपके परिवार को मेडिकल आपात स्थिति में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है. बीमारी के समय आपको अपनी जमा-पूंजी या आपातकालीन फंड खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती. इंश्योरेंस आपकी बचत को सुरक्षित रखता है. ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कैशलेस सुविधा देती हैं, जहां नेटवर्क अस्पतालों में बिल सीधे इंश्योरेंस कंपनी चुकाती है, इससे तुरंत इलाज संभव होता है.

हर दिन बढ़ रहा है हेल्थ इंश्योरेंस का खर्च

दरअसल, भारत में मेडिकल खर्च हर साल 14-15% की दर से बढ़ रहा है. इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस भविष्य के बढ़ते खर्चों के लिए सुरक्षा देता है. सरकार स्वास्थ्य सेवा पर सकल घरेलू उत्पाद का सिर्फ 2.1% खर्च करती है, जो दुनिया में सबसे कम है. सरकारी अस्पताल संघर्ष कर रहे हैं, और ज्‍यादातर मिडिल के लोग वहां जाना पसंद नहीं करते.

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ऐसे में प्राइवेट हॉस्पिटल का सहारा लेना पड़ता है और हम सभी जानते हैं कि वे कितने महंगे हैं. आप जहां भी रहते हैं वहां के टॉप अस्‍पतालों पर नजर डालिए वहां हमेशा भीड़ रहती है, बेड उपलब्‍ध नहीं होते हैं. 

 

अस्पताल का खर्च दिनो-दिन बढ़ता जा रहा है. जैसे सर्जरी, ICU, या डायग्नोस्टिक टेस्ट, लाखों रुपये तक हो सकते हैं. हार्ट सर्जरी का खर्च 2-10 लाख या कैंसर ट्रीटमेंट 10-20 लाख तक हो सकता है. हेल्थ इंश्योरेंस इन खर्चों को कवर करता है. इंश्योरेंस होने से आप बिना वित्तीय चिंता के बेहतर इलाज और अस्पताल चुन सकते हैं.

मान लीजिए, किसी को अचानक पथरी की सर्जरी की जरूरत पड़ती है. छोटे शहर में इसका खर्च 50,000-1 लाख और मेट्रो सिटी में 1.5-2 लाख तक हो सकता है. बिना इंश्योरेंस यह खर्च आपकी जेब से जाता है. लेकिन 5 लाख की पॉलिसी (जो सालाना 6,000-10,000 रुपये प्रीमियम में मिल सकती है) इसे आसानी से कवर कर सकती है.

हेल्थ इंश्योरेंस एक निवेश है जो आपको और आपके परिवार को अप्रत्याशित मेडिकल खर्चों से बचाता है. इसे जल्दी लेना बेहतर है, क्योंकि कम उम्र में प्रीमियम कम होता है और कवरेज ज्यादा व्यापक मिलता है. हेल्थ इंश्योरेंस की राशि (कवरेज) आपकी जरूरतों, उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, परिवार के कितने सदस्य और बजट पर निर्भर करती है. 

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कितना कवरेज लेना चाहिए?
आजकल के मेडिकल खर्चों को देखते हुए, कम से कम 5 लाख रुपये का कवरेज जरूरी है. छोटे शहरों में यह पर्याप्त हो सकता है, लेकिन बड़े शहरों में यह कम पड़ सकता है. अगर आप मेट्रो सिटी (जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु) में रहते हैं, तो 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा का कवरेज बेहतर है. अगर आप सिंगल हैं तो फिर कम से कम 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस जरूर करवाएं. 

अगर आप परिवार के लिए पॉलिसी ले रहे हैं, जिसे फ्लोटर पॉलिसी कहते हैं तो 10-15 लाख रुपये का कवरेज लें, क्योंकि एक ही साल में कई सदस्यों को इलाज की जरूरत पड़ सकती है. फ्लोटर पॉलिसी से पूरे परिवार (पति-पत्नी, बच्चे, माता-पिता) को एक ही पॉलिसी में कवर किया जा सकता है. वहीं अगर आपकी आय मंथली एक लाख रुपये से ज्यादा है और परिवार में बुजुर्ग माता-पिता हैं तो फिर 20 लाख रुपये तक का कवरेज ले सकते हैं. क्योंकि उनकी मेडिकल जरूरतें ज्यादा हो सकती हैं. 

क्रिटिकल इलनेस और टॉप-अप
इसके अलावा अगर कैंसर, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा चाहते हैं, तो क्रिटिकल इलनेस कवर लें. सुपर टॉप-अप पॉलिसी भी ले सकते हैं, जो कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज देती है. उदाहरण के लिए 5 लाख की बेस पॉलिसी + 20 लाख का टॉप-अप ले सकते हैं. इसी तरह 10 लाख की बेस पॉलिसी पर 50 लाख रुपये तक का टॉप-अप करवा सकते हैं, जो कि बेहद कम प्रीमियम पर उपलब्ध है. 

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प्रीमियम कितना होगा?
अगर किसी की उम्र 30 साल है, तो 5 लाख की पॉलिसी का प्रीमियम सालाना 6,000-10,000 रुपये हो सकता है. 60+ उम्र में यह 20,000-50,000 रुपये तक हो सकता है. पहले से बीमारी (जैसे डायबिटीज) होने पर प्रीमियम ज्यादा हो सकता है. गंभीर बिमारियां पॉलिसी में दो से तीन साल के बाद कवर करती हैं. लेकिन दुर्घटना और अचानक अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में इंश्योरेंस तुरंत मदद करता है. 

कैसे चुनें?
आप हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखें. ऐसी पॉलिसी चुनें जो क्लेम न करने पर कवरेज बढ़ाए, यानी नो-क्लेम बोनस वाली पॉलिसी को चुनें. बड़े नेटवर्क वाले इंश्योरर चुनें जो कैशलेस ट्रीटमेंट दें. को-पेमेंट और रूम रेंट का ब्रैकेट न हो. 

भारत में  स्टार हेल्थ, HDFC Ergo, ICICI Lombard, Bajaj Allianz, Niva Bupa जैसी कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस ऑफर करती हैं. कम उम्र में प्रीमियम सस्ता होता है और वेटिंग पीरियड कम होता है. हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर सेक्शन 80D के तहत 25,000-75,000 रुपये तक का टैक्स छूट मिलता है.

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