Bank Merger Plan: बैंकों के विलय पर काम तेज, निर्मला बोलीं- 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए देश को चाहिए 'वर्ल्ड क्लास बैंक'

Nirmala Sitharaman on Bank Merger: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की ओर तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में बड़े बैंक बनाने को लेकर सरकार भी सक्रिय है, जो कि बढ़ती जरूरतों को पूरा कर सके.

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निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश को अब बड़े बैंक की जरूरत. (Photo: ITG) निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश को अब बड़े बैंक की जरूरत. (Photo: ITG)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:04 PM IST

केंद्र सरकार एक बार फिर सरकारी बैंकों के विलय पर काम शुरू कर चुकी है. ऐसी योजना है कि 12 पब्लिक सेक्टर बैंक भविष्य में घटकर शायद सिर्फ 4 रह जाए. इस कदम के पीछे देश में एक ऐसा बैंकिंग सिस्टम बनाना है, जो न सिर्फ पैमाने में बड़ा हो, बल्कि ग्लोबल लेबल का हो. 

दरअसल, बड़े बैंक होने से उसकी पूंजी मजबूत होती है, क्रेडिट देने की ज्यादा क्षमता होती है. देश को ऐसे बैंकों की जरूरत है. क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की ओर तेजी बढ़ रही है, ऐसे में बड़े बैंक बनाने को लेकर सरकार भी सक्रिय है, जो कि बढ़ती जरूरतों को पूरा कर सके.

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देश में बड़े बैंक की जरूरत 

बीते दिनों निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक रूप से पुष्टि की है कि सरकार और Reserve Bank of India (RBI) के बीच फिर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU Banks) के विलय पर बातचीत शुरू हो चुकी है. इसका उद्देश्य देश में 'विश्व-स्तरीय' बैंक तैयार करना है, जो भारत की तेजी से बढ़ती आर्थिक जरूरतों खासकर उद्योग, बुनियादी ढांचे और क्रेडिट-डिमांड को पूरा कर सकें. 

हालांकि, सीतारमण ने स्पष्ट किया कि इस बार सरकार और RBI बैंकिंग इकोसिस्टम को सबल बनाकर ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं, जिसमें बैंक खुद विकास कर सकें. इसके लिए बैंकों और नियामक के बीच गहन बातचीत चल रही है. 

सरकार का मकसद सिर्फ विलय नहीं, बल्कि बैंकिंग सेक्टर की स्थिरता, बेहतर क्रेडिट लोन सुविधा, और विश्व-स्तरीय बैंक निर्माण है, जो भारत की विकास-गति में सहायक साबित हो सकते हैं. 

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भारत में सरकारी बैंकों की सूची (कुल-12):
State Bank of India (SBI)
Punjab National Bank (PNB)
Bank of Baroda
Canara Bank
Union Bank of India
Bank of India
Indian Bank
Central Bank of India
Indian Overseas Bank (IOB)
UCO Bank

कर्मचारियों पर कोई संकट नहीं

इस बीच एक अहम सवाल ये है कि विलय के बाद बैंक के कर्मचारियों का क्या होगा? क्योंकि बैंक मर्जर के बाद, सिर्फ बैलेंस शीट नहीं मिलती, बल्कि दो अलग-अलग विभागों, काम करने के तौर तरीके, और कर्मचारियों की उम्मीदों का भी विलय होता है.

1990 और साल 2000 के दौरान बैंक मर्जर से कर्मचारियों की असहजता, बढ़ती असंतुष्टि, प्रमोशन में देरी और कामकाज के बदले तरीके ने कई सवाल खड़े कर दिए थे. कुछ बैंकों में ऐसे अधिकारी थे, जिनको मर्जर से पहले प्रमोशन मिल गया था. लेकिन बाद में उनकी पद-स्थिति समझौते के बाद गिर गई.

गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दे दिया है कि सरकार केंद्रीय बैंक के साथ मिलकर बैंकों के विलय पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अभी तक बैंकों का विलय सफल रहा है, उन्होंने कहा कि देश में बड़े बैंकों की जरूरत है, जो वर्ल्ड क्लास का हो. जहां ग्राहकों की सभी समस्याएं दूर हों. इसलिए सरकार का अब देश में वर्ल्ड क्लास बैंक बनाने पर फोकस है. 

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किसी कर्मचारी को नहीं निकाला जाएगा

वित्त मंत्री की मानें तो अगले चरण के विलय के बाद किसी भी कर्मचारी को काम से नहीं निकाला जाएगा. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि मर्जर एक प्रक्रिया है, इससे कर्मचारियों की नौकरी पर कोई संकट नहीं आने वाला है. विलय के बाद भी कोई ब्रांच बंद नहीं होंगी और बैंक बंद नहीं होंगे. 

देश में 2019-20 के दौरान विलय प्रक्रिया के तहत सरकारी बैंकों की संख्या 21 से घटाकर 12 कर दी गई. जिससे बैंक की आर्थिक सेहत में सुधार देखने को मिली. 

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