'गब्बर सिंह' टैक्स कहने और 91% टैक्स लगाने वाले आज GST का श्रेय ले रहे, ये हमारी जीत: निर्मला सीतारमण

GST दरों में ऐतिहासिक कटौती के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजतक को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. इस दौरान उन्होंने GST का श्रेय लेने को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में 91 फीसदी टैक्स लगाया जाता था.

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निर्मला सीतारमण ने विपक्ष को GST पर श्रेय लेने को लेकर तीखा हमला किया (Photo: ITG) निर्मला सीतारमण ने विपक्ष को GST पर श्रेय लेने को लेकर तीखा हमला किया (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:20 PM IST

Nirmala Sitharaman exclusive interview: GST काउंसिल ने 3 सितंबर को एक बड़े सुधार को मंजूरी दी. जिसके तहत 12% और 28% की दरें खत्म कर दी गईं और अब केवल 5% और 18% की दो टैक्स दर की बात कही गई. GST दरों में ऐतिहासिक कटौती के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजतक को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. इस दौरान उन्होंने GST से जुड़े हर सवालों का जवाब दिया है. 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष की ओर से GST को गब्बर सिंह टैक्स कहने को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आज 91 फीसदी टैक्स लगाने वाले GST का श्रेय ले रहे हैं.

GST का प्रेरणा विपक्षी दलों ने दिया?

निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से जीएसटी को समर्थन मिल रहा है वही काफी है. 'गब्बर सिंह टैक्स' बोलने वाले आज इसका श्रेय लेने में जुटी है. ये बात मुझे समझ नहीं आया कि जो कांग्रेस पार्टी इंदिरा गांधी के समय इनकम टैक्स पर 91 फीसदी टैक्स लेती थी वो आज GST को बेहतर बनाने की क्रेडिट ले रही है. उनके जमाने के सरकार में अगर कोई 100 रुपया कमाता था तो 91 रुपये टैक्स लगता था.

'GST को जो लोग गब्बर सिंह टैक्स कहते थे... एक जमाने में कांग्रेस सरकार में इनकम टैक्स सबसे ज्यादा था...' GST कटौती पर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण#ATVideo #FMonAajTak #GST #GSTCouncilMeet #NirmalaSitharaman | @nsitharaman | @SwetaSinghAT | @maryashakil pic.twitter.com/UlzJOZZjkJ

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क्या एक दर संभव है?

वर्तमान में चार से दो GST स्लैब पर आने के बाद, एक GST दर लागू करने की संभावना पर सवाल उठा. जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्मला सीतारमण ने स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा, यह अभी संभव नहीं है और भविष्य में, जब देश का विकास स्तर अधिक समान होगा, तब इस पर विचार किया जा सकता है. देश के विभिन्न हिस्सों में विकास के असमान स्तरों की वजह से फ़िलहाल ऐसा नहीं किया जा सकता.

यह भी पढ़ें: 'वस्तुओं के दाम के हिसाब से ही जीएसटी तय हुआ था, कोई मनमानी नहीं की', बोलीं निर्मला सीतारमण

GST में खाने-पीने पर राहत, खत्म हुआ क्लासिफिकेशन का झंझट

जीएसटी परिषद के फैसलों से खाने-पीने की चीजों पर लगने वाले टैक्स को लेकर लंबे समय से चले आ रहे वर्गीकरण विवाद का समाधान हो गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि पहले पॉपकॉर्न जैसे उत्पादों को लेकर नमकीन और मीठे के आधार पर अलग-अलग टैक्स दरें थीं, जिससे उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में व्यापारियों को संकट का सामना करना पड़ा और कई मामले अदालतों में अटके रहे. अब इस समस्या को दूर कर दिया गया है. फूड चाहे वो शुगर के साथ या चाहे वो नमकीन हो, ये सब इकट्ठा एक ही 5% के रेट में जाएगी. इस कदम से उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी. इसके अलावा, छोटे उद्यमियों और व्यापारियों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से जुड़ी समस्याओं को भी संबोधित किया गया है. पंजीकरण प्रक्रिया को तीन दिनों के भीतर पूरा करने और रिफंड फॉर्म को स्वचालित करने जैसे कई कदम उठाए गए हैं, जिससे छोटे व्यापारियों को व्यापार करने में आसानी होगी.

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