देश की सबसे बड़ी एयरलाइनों में से एक इंडिगो मुश्किल में है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने नवंबर महीने में कंपनी के प्रदर्शन पर सवाल उठाए हैं. वजह साफ है. सिर्फ नवंबर में 1,232 फ्लाइटें रद्द हुईं और सैकड़ों में देरी हुई, जिससे यात्रियों का धैर्य पूरी तरह टूट गया.
DGCA ने एक बयान में कहा है, “स्थिति की जांच की जा रही है और एयरलाइन के साथ मिलकर ऐसे कदमों पर काम किया जा रहा है जिससे रद्दीकरण और देरी को कम किया जा सके और यात्रियों की असुविधा घटे.”
सवाल तब और गहराए जब एक ही दिन में तीन बड़े एयरपोर्ट - दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद पर कुल 85 फ्लाइटें रद्द करनी पड़ीं. इसमें 38 उड़ानें दिल्ली से, 33 मुंबई से और 14 अहमदाबाद से थीं. एयरपोर्ट कंजेशन, टेक्निकल प्रॉब्लम और क्रू शॉर्टेज को इसकी मुख्य वजह बताया गया.
सोशल मीडिया पर यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा. प्लेटफॉर्म X पर एक यात्री ने लिखा, “12 घंटे से फंसा हूं, इंडिगो स्टाफ झूठ बोल रहा है. 7 घंटे से ज़्यादा देरी हो चुकी है. अब कभी इंडिगो से यात्रा नहीं करूंगा.” वहीं हैदराबाद एयरपोर्ट से रद्द हुई फ्लाइट के बाद अयप्पा भक्तों ने विरोध जताते हुए कहा कि “घंटों इंतज़ार करवाकर कोई जानकारी नहीं दी जा रही, अधिकारी कार्रवाई करें.”
आलोचनाओं के बीच इंडिगो ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए यात्रियों से माफी मांगी और कहा, “पिछले दो दिनों से नेटवर्क पर भारी बाधा आई है. इसके लिए हम अपने यात्रियों से दिल से क्षमा मांगते हैं.”
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एयरलाइन ने वजह भी बताई - “कई अनपेक्षित परिचालन चुनौतियां, हल्की तकनीकी गड़बड़ियां, सर्दियों से जुड़ी शेड्यूलिंग में बदलाव, खराब मौसम, एयर ट्रैफिक सिस्टम में बढ़ती भीड़, और नए क्रू रोस्टरिंग नियमों के कारण स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ा.”
इंडिगो के अनुसार, कुल 1,232 में से 755 फ्लाइटें स्टाफ की कमी से, 92 ATC फेल्योर, 258 एयरपोर्ट रिस्ट्रिक्शंस और 127 अन्य कारणों से रद्द हुईं.
एयरलाइंस ने कहा कि उसने “कैलिब्रेटेड मेजर्स” अपनाए हैं और अगले 48 घंटों में ऑपरेशंस सामान्य करने की तैयारी है. इंडिगो ने भरोसा दिलाया कि उनकी टीमें लगातार काम कर रही हैं ताकि नेटवर्क में देरी और असुविधा जल्द से जल्द खत्म की जा सके.
अमित भारद्वाज