तपती धूप में सड़क पर खड़े ये लोग अपने सपनों के महल को खंडहर बना देख रहे हैं, लोगों ने बड़े अरमानों से सालों पहले अपना घर बुक कराया था, उम्मीद थी कि कुछ सालों के बाद होली, दिवाली अपने घर में मनाएंगे, लेकिन 15 साल बीत गए लोगों को आजतक घर नहीं मिला. हर मिडिल क्लास आदमी का सबसे बड़ा सपना होता है अपना घर बनाने का, जिसके लिए वो अपनी सारी सेविंग लगा देता है, लेकिन जब वो सपना अधूरा रह जाता है तो लोगों का सब्र जवाब देने लगता है. ग्रेटर नोएडा वेस्ट के Rudra Palace Heights के बायर्स के साथ ऐसा धोखा हुआ कि लोग लाखों रुपये देकर फंस गए हैं, उनको न घर मिल रहा है न पैसे वापस मिल रहे हैं.
सालों से कर रहे हैं घर मिलने का इंतजार
Rudra Palace Heights के फ्लैट खरीदार नीरज दूबे ने 2012 में फ्लैट बुक किया था, 2015 में बिल्डर ने पजेशन देने का वादा किया था, लेकिन 2018 में प्रोजेक्ट ब्लैक लिस्ट हो गया. नीरज के जैसे ही करीब 900 लोगों ने इस प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराया था, लेकिन गृह प्रवेश से पहले ही उनके सपनों पर ग्रहण लग गया और कंस्ट्रक्शन का काम ठप हो गया. नीरज का आरोप है कि जैसे ही लीगल केस की डेट आती है यहां 100 लेबर काम करने के लिए आ जाते हैं, लेकिन 20 दिनों के बाद फिर काम बंद हो जाता है. उनका कहना है 15 सालों से यहां अगर काम सच में काम हो रहा होता तो हम लोग यहां सड़क पर खड़े नहीं होते.
इस प्रोजेक्ट के एक और खरीदार सचिन बताते हैं- इस प्रोजेक्ट के चक्कर में कई लोगों ने अपनी जान तक दे दी. हर साल अगली होली, अगली दिवाली कहते हैं लेकिन 15 होली और 15 दिवाली बीत गई हम सब का दिवालिया हो गया, लेकिन ये घर नहीं मिला. हम लोग काफी दर्द में है. यहां हम लोगों को दिखाने के लिए बिल्डर ने यहां इतने लेबर बुला लिए हैं, लेकिन ये सब दिखावा है.
बायर्स के सपनों को कैसे बिल्डर ने तोड़ा?
एक और घर खरीदार वंदिता बताती हैं- 2012 में जब घर लिया था, तब बच्चे स्कूल में थे वो अब कॉलेज जाने लगे हैं. हम लोग रिटायर होने वाले हैं. पूरी जिंदगी सिर्फ किराया दिया और लोन दिया. जिंदगी किसी के हाथ में तो है नहीं आज है कल सुबह नहीं होगी. हमारी जिंदगी कैसे चल रही है, इससे किसी को लेना देना नहीं है. सरकार अलग पैसा ले रही है, मकान मालिक किराया ले रहा है, हमारा घर कब मिलेगा, कोई हमें ये बता दें.
घर किराया, बच्चों की महंगी फीस देकर लोगों की कमर टूट गई है. बढ़ती महंगाई में लोगों के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है.
इस प्रोजेक्ट की एक और खरीदार मधु मिश्रा बताती हैं- 2014 में जबसे ये फ्लैट बुक किया है तबसे हम लोग तकलीफ ही झेल रहे हैं. पहले कोरोना में झेला किसी तरह से घर का रेंट और ईएमआई दे पाए और अभी तक घर मिलने की उम्मीद नहीं है. दिल्ली-एनसीआर में बच्चों की फीस भी इतनी ज्यादा है कि हमारा गुजारा बड़ी मुश्किल से होता है.
कब तक मिलेगा घर?
आजतक डिजिटल की टीम ने उन लोगों से भी बात की जो Rudra Palace Heights के इस प्रोजेक्ट को पूरा कर रहे हैं. पिछले आठ महीनों से इस प्रोजेक्ट का काम देख रहे विपुल बताते हैं कि किसानों के विवाद के चलते 2023 तक काम रुक गया था, लेकिन हम लोग अब काम कर रहे हैं और 6 महीने के अंदर तीन टॉवरों को पूरा करके देंगे. वहीं यहां के कॉन्ट्रैक्टर नौशाद कहते हैं- B1, B2 और B6 टॉवर का काम 3 से 4 महीने में पूरा कर देगें, वो दावा करते हैं कि हम एक्स्ट्रा मजदूर लगाकर ये प्रोजेक्ट पूरा करेंगे.
स्मिता चंद