अमीर अब प्रॉपर्टी खरीदते नहीं! एक्सपर्ट ने बताया पैसा बनाने का सीक्रेट फॉर्मूला

रियल एस्टेट निवेश की दुनिया अब बदल रही है. एक समय था जब प्रॉपर्टी खरीदना अमीरी और सुरक्षा की निशानी थी, लेकिन अब अमीर लोग इससे भी आगे निकलकर नए तरीकों से मुनाफा कमा रहे हैं.

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अमीर लोग कैसे कमाते हैं पैसा? (Photo-ITG) अमीर लोग कैसे कमाते हैं पैसा? (Photo-ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:13 AM IST

क्या आप भी सोचते हैं कि रियल एस्टेट में पैसा कमाने का एकमात्र तरीका पूरी प्रॉपर्टी खरीदना है? अगर हां, तो आप एक बड़े बदलाव से अनजान हैं. एल्केमी लैंडबेस (Alchemy Landbase) के फाउंडर इश्मीत सिंह रैना का कहना है कि पारंपरिक रियल एस्टेट निवेश का तरीका अब पुराना हो रहा है और नए-नए रास्ते खुल रहे हैं. उनकी एक लिंक्डइन पोस्ट के अनुसार, अब निवेशक पूरी प्रॉपर्टी के मालिक बने बिना भी पैसा कमा सकते हैं. 

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फ्रैक्शनल ओनरशिप और रियल एस्टेट फंड्स जैसे मॉडल ने हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स और आम निवेशकों के लिए निवेश के नए अवसर खोल दिए हैं. रैना का कहना है कि जो लोग अभी भी पूरी प्रॉपर्टी खरीदने के पीछे भाग रहे हैं, वे शायद धन कमाने के नए तरीकों से चूक सकते हैं.

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इश्मीत रैना लिखते हैं- "ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि रियल एस्टेट में पैसा पूरी प्रॉपर्टी खरीदकर ही कमाया जाता है. जबकि हकीकत में, सबसे अमीर निवेशक कभी भी पारंपरिक तरीके से प्रॉपर्टी के मालिक नहीं बनते." उन्होंने इन दोनों तरीकों के बढ़ते आकर्षण को विस्तार से समझाया है.

फ्रैक्शनल ओनरशिप: यह तरीका निवेशकों को बहुत कम पैसे में आलीशान प्रॉपर्टी, जैसे कि लग्जरी विला और फार्महाउस, में निवेश करने का मौका देता है, इसमें प्रॉपर्टी का उपयोग करने का भी अधिकार मिलता है, जिससे एक तरह का भावनात्मक जुड़ाव बना रहता है. अब नई तकनीक की मदद से, इसमें पैसे निकालने की समस्या भी हल हो गई है, जो पहले आम थी.

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रियल एस्टेट फंड्स (Real Estate Funds): ये फंड्स निवेशकों को कई तरह की प्रॉपर्टीज़ में एक साथ पैसा लगाने और एक्सपर्ट्स के द्वारा मैनेज कराने का मौका देते हैं. हालांकि, इसमें पैसा लंबे समय के लिए लॉक हो जाता है और निवेशक का अपनी प्रॉपर्टी के साथ कोई व्यक्तिगत या भावनात्मक जुड़ाव नहीं रहता है.  

रैना बताते हैं कि दोनों तरीकों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं. फ्रैक्शनल ओनरशिप में निवेशक को कुछ हद तक कंट्रोल मिलता है और प्रॉपर्टी से एक भावनात्मक जुड़ाव बना रहता है, जबकि फंड में पैसा लगाने वाले सिर्फ बड़े पैमाने पर रिटर्न कमाने पर ध्यान देते हैं और सारे फैसले फंड मैनेजर्स पर छोड़ देते हैं.

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वह चेतावनी देते हैं कि बहुत से निवेशक अभी भी रियल एस्टेट को केवल फ्लैट या प्लॉट खरीदने से जोड़कर देखते हैं और इस बड़े बदलाव को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं. "जब तक उन्हें इस बदलाव के बारे में पता चलेगा, तब तक शुरुआती मौके हाथ से निकल चुके होंगे."

 

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