ग्रांट थॉर्नटन भारत की हालिया रिपोर्ट बताती है कि भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर ने जुलाई से सितंबर 2025 (Q3 2025) के इन तीन महीनों में रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन किया है. तीन महीनों में कुल 42 बड़े सौदे हुए, जिनकी वैल्यू 2.9 बिलियन डॉलर (यानी लगभग ₹24,000 करोड़) रहा. यह रकम आज तक किसी भी एक तिमाही में नहीं देखी गई. इस ज़बरदस्त बूम के पीछे बड़े-बड़े कंपनियों के विलय (M&A) और प्राइवेट इक्विटी का भारी निवेश है.
साफ़ है कि निवेशक अब कमर्शियल और रिटेल प्रॉपर्टी पर आंख बंद करके भरोसा कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि मार्केट की हालत तेज़ी से सुधर रही है. इस तिमाही में फीनिक्स मिल्स द्वारा आइलैंड स्टार मॉल डेवलपर्स का $641 मिलियन में अधिग्रहण सबसे बड़ी खबर रही, जिसने मार्केट की रौनक और बढ़ा दी. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह सब दिखाता है कि भारतीय रियल एस्टेट अब एक अधिक व्यवस्थित और भरोसेमंद मार्केट बनने की राह पर है.
साफ पता चलता है कि निवेशक अब दफ्तरों वाली प्रॉपर्टी और मॉल/दुकानों वाली प्रॉपर्टी पर जमकर भरोसा कर रहे हैं, क्योंकि मार्केट की हालत भी सुधर रही है. रियल एस्टेट मार्केट में पैसा पानी की तरह बह रहा है और इन्वेस्टर्स को इसमें खूब फायदा दिख रहा है.
इस तिमाही की सबसे बड़ी बात यह रही कि द फीनिक्स मिल्स (The Phoenix Mills) ने आइलैंड स्टार मॉल डेवलपर्स (Island Star Mall Developers) को 641 मिलियन डॉलर में खरीद लिया. इस अकेले सौदे ने विलय और अधिग्रहण (M&A) की कुल वैल्यू 843 मिलियन डॉलर तक पहुंचा दी, जो 21 सौदों से आई है और लगभग सारे सौदे देसी यानी घरेलू थे.
प्राइवेट इक्विटी (PE) ने भी ज़ोरदार वापसी की. इस दौरान 12 सौदों में 859 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट आया, जो पिछली तिमाही से 48% ज़्यादा है. इसमें सबसे आगे रहा प्राइम ऑफिस फंड (Prime Offices Fund) का RMZ One Paramount में 290 मिलियन डॉलर का भारी-भरकम निवेश.
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इस सेक्टर के पब्लिक मार्केट्स में भी उछाल आया. पांच IPOs से 805 मिलियन डॉलर और चार QIPs से 344 मिलियन डॉलर जुटाए गए. आपको बता दें कि नॉलेज रियलिटी ट्रस्ट (Knowledge Realty Trust) के अकेले 547 मिलियन डॉलर के IPO ने कुल इश्यू वैल्यू का लगभग दो-तिहाई हिस्सा कवर कर लिया.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इतने बड़े-बड़े सौदों का बढ़ना और लगातार पूंजी बाज़ार में जुड़ाव यह दिखाता है कि इस सेक्टर में संस्थागत गहराई और इसके टिकाऊपन पर विश्वास बढ़ रहा है.
वहीं रेजिडेंशियल डेवलपमेंट धीमा हुआ, लेकिन कंसल्टेंसी और सर्विस सेगमेंट ने दो शांत तिमाहियों के बाद रफ़्तार पकड़ी. यह जबरदस्त प्रदर्शन साफ संकेत देता है कि यह सेक्टर अब पॉलिसी सपोर्ट और बेहतर फंडिंग के कारण अधिक व्यवस्थित, पारदर्शी और नियम-कानून से चलने वाले मार्केट की तरफ बढ़ रहा है.
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