भारत का रियल एस्टेट मार्केट इस समय एक अनोखे दौर से गुजर रहा है. साल 2025 के आंकड़े बताते हैं कि देश के टॉप 7 शहरों में घर खरीदने वालों की संख्या में भले ही थोड़ी कमी आई हो, लेकिन बिल्डरों का मुनाफा रिकॉर्ड स्तर पर है. अनारॉक (ANAROCK) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस साल घरों की कुल बिक्री का आंकड़ा 6 लाख करोड़ रुपये के जादुई आंकड़े को पार कर गया है.
बाजार में इस समय 'कम बिककर भी ज्यादा मुनाफा' वाला ट्रेंड हावी है. आंकड़ों की तुलना करें तो साल 2024 में जहां 4.6 लाख घर बिके थे, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर करीब 3.95 लाख रह गई, इसके बावजूद, कुल कमाई में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इस उछाल की सबसे बड़ी वजह लग्जरी और प्रीमियम घर हैं. लोग अब छोटे घरों के बजाय महंगे और आलीशान घरों पर ज्यादा पैसा खर्च कर रहे हैं, जिससे पूरे मार्केट की वैल्यू बढ़ गई है.
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मुंबई का दबदबा और चेन्नई की 'सुपर' रफ्तार
मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) 2025 में भी हाउसिंग मार्केट का बादशाह बना रहा, जहां कुल 1.28 लाख घर बिके. मुंबई के बाद पुणे दूसरे स्थान पर रहा. हालांकि, इस साल सबसे ज्यादा चौंकाने वाला प्रदर्शन चेन्नई का रहा, जहां देश के बड़े शहरों में सुस्ती देखी गई, वहीं चेन्नई में घरों की बिक्री में 15 प्रतिशत का उछाल आया. अपनी मजबूत लोकल डिमांड के कारण चेन्नई भारतीय हाउसिंग सेक्टर के लिए एक 'ब्राइट स्पॉट' बनकर उभरा है.
नई लॉन्चिंग में बिल्डरों का भरोसा
बिक्री की रफ्तार थोड़ी धीमी होने के बावजूद डेवलपर्स का हौसला कम नहीं हुआ है. साल 2025 में नए घरों की लॉन्चिंग में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह आंकड़ा 4.19 लाख यूनिट्स तक पहुंच गया. विशेष रूप से चेन्नई और पुणे ने मिलकर नई लॉन्चिंग में 48 प्रतिशत की हिस्सेदारी दर्ज की. इसके विपरीत, मुंबई और हैदराबाद जैसे बड़े बाजारों में नए प्रोजेक्ट्स की सप्लाई में गिरावट देखी गई, जो यह दिखाता है कि अब ग्रोथ कुछ चुनिंदा शहरों तक सीमित हो रही है.
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किफायती बनाम लग्जरी: बदलती प्राथमिकताएं
बाजार का स्वरूप अब दो बड़े हिस्सों में बंटता दिख रहा है. 2025 में लॉन्च हुए नए घरों में से 37 प्रतिशत घर 75 लाख रुपये से कम के थे, जो मिड-इनकम वर्ग की स्थिर मांग को दर्शाते हैं. वहीं, 2.5 करोड़ रुपये से अधिक वाले प्रीमियम घरों की हिस्सेदारी 21 प्रतिशत रही. यह दर्शाता है कि बाजार में किफायती और हाई-एंड, दोनों ही सेगमेंट में हलचल तेज है.
कीमतों में दिल्ली-NCR ने मारी बाजी
बिना बिके घरों की संख्या में इस साल 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन इसने कीमतों पर ब्रेक नहीं लगाया. बड़े शहरों में औसत आवासीय कीमतों में 8 प्रतिशत का इजाफा हुआ. इसमें दिल्ली-NCR सबसे आगे रहा, जहां कीमतों में 23 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल देखा गया. कीमतों में यह बढ़ोतरी साफ करती है कि खरीदारों की दिलचस्पी और बाजार का सेंटीमेंट आज भी बेहद मजबूत बना हुआ है.
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