बिल्डरों पर बड़ा एक्शन, सोसायटियों के बाहर लगेंगे बकाए के होर्डिंग

नोएडा अथॉरिटी बकाएदार बिल्डरों से सख्ती से निपटने की तैयारी में है, दशकों से लंबित लाखों फ्लैटों की रजिस्ट्री सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.

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बकाएदार बिल्डरों के खिलाफ होर्डिंग बकाएदार बिल्डरों के खिलाफ होर्डिंग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST

नोएडा अथॉरिटी बकाएदार बिल्डरों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की तैयारी कर रही है. करीब 35 हाउसिंग ग्रुप सोसायटियों के बाहर बकाए की रकम दर्शाने वाले होर्डिंग्स लगाए जाएंगे. जिन बिल्डरों ने नोटिस देने के बाद भी बकाया जमा नहीं किया है, उनकी ऑनलाइन लिस्ट भी जारी की जाएगी. बता दें कि अथॉरिटी ने हाल ही में सेक्टर 110 स्थित लोटस पनाश समेत कई हाउसिंग सोसायटी के बाहर सार्वजनिक बोर्ड लगाने शुरू कर दिए हैं, जिस पर निवासियों ने कड़ी आपत्ति जताई है.

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लोटस पनाश का मामला

ग्रेनाइट गेट प्रॉपर्टीज लिमिटेड (Granite Gate Properties Ltd), जो कि 3C ग्रुप की सहायक कंपनी है, द्वारा 2010 में लॉन्च की गई लोटस पनाश परियोजना 2019 से NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) के तहत है. रिपोर्ट्स के अनुसार, बिल्डर पर अथॉरिटी का करीब ₹1,200 करोड़ का बकाया है. उस साल लॉन्च की गई दो प्रमुख परियोजनाओं लोटस पनाश (30 टावर) और लोटस बुलेवार्ड (29 टावर) में से कोई भी 2014 की अपनी डिलीवरी समय सीमा को पूरा नहीं कर पाई. समय सीमा चूकने और बकाया भुगतान न करने के कारण, घर खरीदारों को NCLT का रुख करना पड़ा था.

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अथॉरिटी का पक्ष: पारदर्शिता के लिए कार्रवाई

नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम का कहना है कि अथॉरिटी अभी दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर रही है, बल्कि लोगों को पारदर्शिता के तहत यह बता रही है कि किस प्रोजेक्ट पर कितना बकाया है. उन्होंने कहा, ये बोर्ड परिसर के बाहर सरकारी जमीन पर लगाए जाएंगे और उनकी फोटो अथॉरिटी की वेबसाइट पर भी अपलोड होंगी, उनके मुताबिक, इन प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपये का बकाया है.

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बकाया वसूली के लिए तेज होगी कार्रवाई

सीईओ लोकेश एम ने कहा कि दिसंबर 2023 में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के बाद आई पुनर्वास नीति के बावजूद, कई डेवलपर बकाया जमा करने और नीतिगत लाभों का फायदा उठाने के लिए सामने नहीं आए हैं. उन्होंने कहा, "हम अब अपनी वसूली की कोशिशों को और तेज़ करेंगे, इसके लिए प्लॉट कैंसल किए जाएंगे, न बिकी हुई इन्वेंट्री (unsold inventory) को सील किया जाएगा, और भू-राजस्व के रूप में वसूली की जाएगी.'
 

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