एशिया-प्रशांत क्षेत्र में निवेश के मामले में भारत अब सबसे आगे निकल गया है. रियल एस्टेट फर्म कॉलियर्स (Colliers) की एक सर्वे के मुताबिक, दुनिया भर के निवेशक भारत में पैसा लगा रहे हैं. और आने वाले वक्त में और बड़े निवेशकों के आने की संभावना है.
इसकी तीन बड़ी वजहें है- देश की मज़बूत आर्थिक स्थिति, युवा आबादी और सरकारी नीतियों में स्थिरता. निवेशक अब ज़्यादा रिटर्न पाने के लिए सिर्फ बने-बनाए घरों में ही नहीं, बल्कि ज़मीन, विकास परियोजनाओं और अन्य नए विकल्पों में भी तेज़ी से पैसा लगा रहे हैं. निवेशकों को उम्मीद है कि उन्हें यहां से बड़े और बेहतर मुनाफ़े के मौके मिलेंगे.
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यह सकारात्मक माहौल इसलिए बना हुआ है, क्योंकि मांग और सप्लाई का संतुलन बहुत अच्छा है, और बाज़ार में उच्च गुणवत्ता वाली प्रॉपर्टीज़ की संख्या लगातार बढ़ रही है. ये चीज़ें बाज़ार की लंबी अवधि की क्षमता को मज़बूत करती हैं. रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) और इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPOs) जैसे स्टॉक मार्केट विकल्प भी बाज़ार में ज़्यादा पैसा ला रहे हैं और विदेशी भागीदारी बढ़ा रहे हैं, जिससे इस सेक्टर में निवेश के नए रास्ते खुल रहे हैं.
कॉलियर्स (Colliers) की 'ग्लोबल इन्वेस्टर आउटलुक 2026' रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के पहले नौ महीनों में भारतीय रियल एस्टेट में कुल 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का संस्थागत निवेश हुआ. यह दिखाता है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद बाज़ार मजबूत बना रहा. उम्मीद है कि ऑफिस और आवासीय सेगमेंट, इस साल के कुल निवेश का लगभग 60% हिस्सा होंगे. ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमें उपयोगकर्ताओं की मांग बनी हुई है और सप्लाई भी अच्छी है. अनुमान है कि 2025 के लिए कुल निवेश 5-7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बीच रहेगा, जो बाज़ार की निरंतर स्थिरता और गहराई को दर्शाता है.
बाज़ार में मौजूद लोग अब मुख्य और उभरते हुए दोनों तरह की संपत्तियों का सक्रिय रूप से मूल्यांकन कर रहे हैं. हालिया रुझान बताते हैं कि साल की आखिरी तिमाही (Q4) में, खासकर ऑफिस और आवासीय सेगमेंट में, सौदे और तेज़ी से पूरे होने की संभावना है. पूंजी का यह लगातार प्रवाह भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के आगे के विकास और विविधीकरण में मदद करेगा, जिससे यह वैश्विक संस्थागत निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक बाज़ारों में से एक बन जाएगा.
कॉलियर्स इंडिया के नेशनल डायरेक्टर और रिसर्च हेड, विमल नादर ने कहा- "2025 की तेज़ी को देखते हुए, भारत का रियल एस्टेट निवेश परिदृश्य 2026 में और मज़बूत होने वाला है. इसकी वजह मुख्य संपत्तियों में मज़बूत मांग और संस्थागत-ग्रेड सप्लाई की बढ़ती हुई पाइपलाइन है. ऑफिस और आवासीय सेगमेंट में निवेश का दबदबा बना रहेगा, जो कुल प्रवाह के आधे से ज़्यादा हिस्से को चलाएगा, जबकि औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स सेगमेंट में फिर से तेज़ी आने की संभावना है. वैकल्पिक संपत्तियों में, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के तेज़ी से विस्तार और हाइपरस्केल मांग के कारण डेटा सेंटर्स में निवेश बढ़ने की संभावना है. '
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