व्हील चेयर पर बैठे सुदामा यादव तपती धूप में अपने घर के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सालों पहले अपने परिवार के लिए छोटा सा फ्लैट बुक किया था. लेकिन कई साल बीत गए वो आज भी बस इंतजार कर रहे हैं. बीमारी की वजह से सालों से व्हील चेयर पर हैं. वो कहते हैं- 'अपनी जिंदगी की सारी कमाई इस फ्लैट को बुक करने में लगा दी थी. इस हालत में मै कैसे दौड़ भाग करूं, बड़ी मुश्किल से किसी तरह नौकरी कर रहा हूं, लेकिन मेरी मेडिकल कंडिशन ऐसी है कि कभी भी काम छोड़ना पड़ सकता है, आखिर इस हालत बिना घर के कहां जाकर रहूंगा.'
इस प्रोजेक्ट में सैकड़ों लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई लगाई, कई साल इंतजार भी किया, लेकिन फिर सड़क पर खड़े होकर अपने बच्चों के साथ घर के लिए प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मौजूद आम्रपाली आदर्श आवास योजना से सैकड़ों घर खरीदार इस प्रोजेक्ट में घर लेकर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. लोगों ने अपने घर का सपना देखकर यहां फ्लैट बुक किया था, लेकिन पहले आम्रपाली से धोखा मिला और अब लोगों का आरोप है कि NBCC भी काम पूरा नहीं कर रहा है. छुट्टी के दिन लोग अपने परिवार के साथ यहां आते हैं- धरना प्रदर्शन करते हैं. लोगों का आरोप है कि फ्लैट बनवाने की जिम्मेदारी NBCC की है, लेकिन वहां से भी मदद नहीं मिल रही है. हालांकि NBCC का दावा है वो ग्राहकों के हितों का हमेशा से ध्यान रखते आए हैं वो जल्द ही लोगों को फ्लैट की डिलिवरी करेंगे.
NBCC कर रही है प्रोजेक्ट को पूरा
इस प्रोजेक्ट के बायर दीपांकर कुमार बताते हैं- 'आम्रपाली के समय पर फ्लैट बुक किया था, लेकिन जब काम नहीं शुरू हुआ तो हम लोग कोर्ट में गए. 2019 में NBCC को इस प्रोजेक्ट का काम पूरा करने का जिम्मा दिया गया. 2020 में इस प्रोजेक्ट का टेंडर निकाला गया. YFC को अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने का काम दिया गया, लेकिन 5 सालों में भी यहां काम पूरा नहीं हुआ. हम लोग सालों से प्रर्दशन ही कर रहे हैं, NBCC भी यहां काम नहीं कर रही है.'
पूनम हाउस वाइफ हैं फ्लैट के नाम पर ही उनका गुस्सा फूट पड़ता है वो कहती हैं- 'पति की सैलरी किराया ईएमआई और बच्चों की फीस भरने में खत्म हो जाती है. बड़ी मुश्किल से घर चल रहा है. आखिर हम मिडिल क्लास लोग जाए कहां, हमारा क्या कसूर है, जो हमें ऐसी सजा मिल रही है. '
एक और घर खरीदार सुरेश कहते हैं- जिंदगी खराब हो गई, बच्चों की फीस भरनी हैं मां बीमार है, मैं फाइनेंशियल टूट चुका हूं. मैं छुट्टी लेकर यहां आता हूं, लेकिन साइट पर बैठे लोग कोई जवाब नहीं देते कि आखिर काम क्यों नहीं हो रहा है. इस साइट पर 7 महीने से काम ठप पड़ा है, यहां मौजूद अधिकारी कोई जवाब नहीं देते हैं, हम लोगों को हर हफ्ते यहां बुलाकर बस गुमराह कर रहे हैं.
62 साल के विश्वंबर दयाल ने रिटायरमेंट के बाद रहने के लिए घर घरीदा था, फ्लैट के सारे पैसे भी दे चुके हैं, लेकिन रिटायर हुए भी कई साल बीत गए, लेकिन अब तक घर मिलने की आस नहीं है. वो कहते हैं- 'मेरा सपना था कि अपने बच्चों के साथ अपने घर में रहूंगा, लेकिन अब मेरा सपना बुरी तरह से टूट चुका है.'
NBCC ने क्या कहा?
आजतक डिजिटल ने लोगों की शिकायत के बाद NBCC का भी पक्ष जाना. एनबीसीसी के एक अधिकारी ने कहा- अक्टूबर से नवंबर तक 4 टॉवर की डिलिवरी दे देंगे. हम लोगों को वक्त पर प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी भी देते रहेंगे. इसके बाद जो दूसरे फ्लैट हैं हम उन पर काम शुरू कर देंगे. NBCC अपने काम को लेकर समर्पित है. हम लोग खरीदारों की दिक्कतों को दूर करने के लिए उनके साथ बैठक भी करते रहेंगे.
स्मिता चंद