रसातल में जा चुकी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अब एक और लोन का सहारा मिलने जा रहा है. विश्व बैंक ने 70 करोड़ डॉलर (लगभग 6270 करोड़ रुपये) के लोन की मंजूरी दे दी है. यह लोन एक बड़े कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका मकसद कंगाल हो चुके पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और देश की सेवाओं को बेहतर करना है .
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व बैंक ने कहा कि यह कर्ज समावेशी विकास के लिए सार्वजनिक संसाधन - मल्टी स्टेप प्रोग्राम अप्रोच (PRID-MPA) के तहत जारी की जाएगी, जो कुल मिलाकर 1.35 बिलियन डॉलर तक का फंड जारी कर सकती है. यह लोन पाकिस्तान को कई स्टेप में जारी किए जा सकते हैं.
कहां खर्च करने के लिए कितने पैसे?
इस कर्ज में से 60 करोड़ डॉलर फेडरल प्रोग्राम के लिए और 10 करोड़ डॉलर दक्षिणी सिंध प्रांत में एक प्रांतीय कार्यक्रम के समर्थन में खर्च किए जाएंगे. यह मंजूरी अगस्त में वर्ल्ड बैंक द्वारा पाकिस्तान के सबसे ज्यादा आबादी वाले पंजाब प्रांत में प्राथमिक शिक्षा सुधार के लिए दिए गए 47.9 करोड़ डॉलर के अनुदान के बाद मिली है.
भारत करेगा विरोध
गौरतलब है कि नवंबर में पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय द्वारा अपलोड की गई IMF-World Bank की एक रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान के खंडित नियमन, अपारदर्शी बजट और राजनीतिक नियंत्रण निवेश को कम कर रहे हैं और राजस्व को कमजोर कर रहे हैं. रॉयटर्स की रिपेार्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के लिए इंटनेंशनल फंडिंग को लेकर क्षेत्रीय तनाव उभर सकता है, क्योंकि भारत विश्व बैंक द्वारा पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज का विरोध करेगा.
उधार पर चल रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था उधार के सहारे चल रही है, क्योंकि अक्सर देखा गया है कि उसे कभी आईएमएफ और कभी वर्ल्ड बैंक से लोन दिया जाता है, ताकि उसके अर्थव्यवस्था में सुधार हो. इसके अलावा, पाकिस्तान ने चीन और सऊदी से भी लोन लिया है. जिस कारण इसके ऊपर कर्ज आए दिन बढ़ता ही जा रहा है.
अभी कुछ समय पहले ही अगस्त में 47.9 मिलियन डॉलर की उस ग्रांट मिला था, जो विश्व बैंक ने पंजाब में प्राथमिक शिक्षा सुधारों के लिए दिया था. पाकिस्तान की ऐसी स्थिति यह साफ तौर पर दिखाती है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लोन के सहारे ही चल रही है.
आजतक बिजनेस डेस्क