शेयर बाजार के आज एक स्टॉक का भाव 50 फीसदी कम होकर 5340 से 2682 रुपये पर कारोबार करने लगा. यह बदलाव बुधवार को एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (HDFC AMC) के शेयरों में हुआ. मंगलवार को यह शेयर एनएसई पर 5,339.50 रुपये पर बंद हुए थे, लेकिन आज यह 49.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,682 रुपये प्रति शेयर पर खुले.
लेकिन निवेशकों को इससे हैरान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एक्च्युअल में यह शेयर 50 फीसदी गिरा नहीं है, बल्कि 1:1 के अनुपात में एक्स-बोनस ट्रेड हुआ है. एक के बदले एक शेयर बोनस जारी होने के बाद निवेशकों के पोर्टफोलियो में HDFC AMC के शेयर अब डबल हो गए होंगे. लेकिन निवेश की गई रकम में कोई बदलाव नहीं होगी.
निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं
बोनस इश्यू शेयरधारकों को निवेश की गई रकम से फंड फ्री शेयर देता है, बिना फेस वैल्यू में कोई बदलाव किए. कुछ ट्रेडिंग ऐप्स पर यह 50 प्रतिशत की गिरावट के रूप में दिखाई दे सकती है, लेकिन निवेशकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है. यह गिरावट केवल दिखावटी है, क्योंकि नए शेयर जारी होने पर शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाती है. इक्विटी में कोई कमी नहीं होती. फेस वैल्यू भी वही होता है.
बोनस के बाद चढ़े शेयर
हालांकि एक्स बोनस जारी होने के बाद HDFC AMC के शेयर खुलने पर 0.51 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहे थे. बोनस इश्यू होने के बाद शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. फ्री रिजर्व फंड कम हो जाती है और प्रति शेयर इनकम (EPS) कम हो जाती है. एचडीएफसी एएमसी द्वारा जारी किए जाने वाले प्रस्तावित इक्विटीज की कुल संख्या 21,40,03,751 थी. बोनस शेयर 30 सितंबर तक कंपनी के कैपिटल रिजर्व अकाउंट और इक्विटी प्रीमियम खाते से जारी किए जाएंगे.
बोनस से पहले और बाद में कितने थे शेयर
एचडीएफसी एएमसी के रजिस्टर्ड शेयर (बोनस से पहले) 3,50,00,00,000 रुपये थे, जो 5 रुपये प्रति शेयर वैल्यू के 60,00,00,000 इक्विटी शेयरों और 10 रुपये प्रति शेयर वैल्यू के 5,00,00,000 नॉन-डाइवर्सफाई शेयरों में बंटे थे. इसके इश्यू, सब्सक्राइब और पेड कैपिटल वाले शेयरों में 5 रुपये प्रति शेयर वैल्यू के 21,40,03,751 इक्विटी शेयर शामिल थे, जो कुल मिलाकर 107,00,18,755 रुपये थे.
बोनस के बाद, रजिर्स्ड कैपिटल अनचेंज रहे. इश्यू , सब्सक्राइब और पेड शेयर कैपिटल बढ़कर 5 रुपये प्रति शेयर वैल्यू के 42,80,07,502 इक्विटी शेयर हो गए, जो कुल मिलाकर 214,00,37,510 रुपये हुए. कर्मचारी स्टॉक विकल्पों के प्रयोग के अनुसार ये आंकड़े बदल सकते हैं और बोनस शेयरों की वास्तविक संख्या रिकॉर्ड डेट के अनुसार पेड इक्विटी शेयरों पर निर्भर करती है.
बात दें बोनस इश्यू और स्टॉक स्प्लिट भले ही एक जैसे लगें, लेकिन उनका उद्देश्य अलग-अलग है. स्टॉक स्प्लिट में मौजूदा शेयरों को छोटी इकाइयों में बांटकर लिक्विडिटी बढ़ाई जाती है, जिससे फेस वैल्यू कम हो जाता है. उदाहरण के लिए, 1:5 स्प्लिट में, प्रत्येक शेयर पांच में बंट जाता है और डिविडेंड की पात्रता उसी अनुपात में कम हो जाती है. हालांकि, बोनस इश्यू में फेस वैल्यू वही रहता है.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
आजतक बिजनेस डेस्क