Exit Poll से शेयर बाजार गदगद... लेकिन अगर बिहार में NDA की जीत नहीं हुई, तो फिर ये डर भी!

Bihar Assembly Election Impact on Stock Market: शेयर बाजार को हमेशा राजनीतिक स्थिरता पसंद होती है. जब निवेशकों को लगता है कि सरकार मजबूत होगी, तो वे पैसा लगाते हैं. लेकिन अगर गठबंधन सरकार कमजोर दिखे या सरकार बनाने में देरी हो, तो निवेशक सतर्क हो जाते हैं.

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शेयर बाजार में बिहार चुनाव को लेकर हलचल. (Photo: ITG) शेयर बाजार में बिहार चुनाव को लेकर हलचल. (Photo: ITG)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम एग्जिट पोल (Exit Poll) आ चुके हैं. लगभग सभी एग्जिट पोल में एनडीए (NDA) की सरकार मजबूती से वापसी के अनुमान लगाए हैं. वैसे तो एग्जिट पोल कई बार फेल भी हुए हैं, इसलिए 14 नवंबर को ही असली तस्वीर साफ हो जाएगी. 

इस बीच एग्जिट पोल के आंकड़ों को देखकर शेयर बाजार (Stock Market) का जोश हाई हो गया है. बिहार में एनडीए की वापसी का मतलब है कि केंद्र में सरकार और स्थिर हो जाएगी. दरअसल, शेयर बाजार को हमेशा राजनीतिक स्थिरता पसंद होती है. जब निवेशकों को लगता है कि सरकार मजबूत होगी, तो वे पैसा लगाते हैं. लेकिन अगर गठबंधन सरकार कमजोर दिखे या सरकार बनाने में देरी हो, तो निवेशक सतर्क हो जाते हैं.

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बिहार चुनाव को बाजार में क्या चल रहा है?

बता दें, पिछले 20 वर्षों में कुछ साल को छोड़ दें, तो बिहार में एनडीए की सरकार रही है, और उसकी कमान नीतीश कुमार के पास होती है. वहीं लोकसभा चुनाव 2024 के बाद केंद्र की सरकार में घटक दलों की अहम भूमिका हो गई है, खासकर जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की. इसलिए अगर आसानी से बिहार में NDA की सरकार बनती है तो फिर केंद्र में पॉलिसी डिसीजन को लेकर सरकार को किसी तरह की दिक्कतें नहीं आएंगी. इसलिए शेयर बाजार ये मानकर चल रहा है कि बिहार में फिर से एनडीए की वापसी हो रही है. जिस वजह से बुधवार को शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखी जा रही है. बुधवार को निफ्टी में 200 से ज्यादा अंकों की तेजी देखी जा रही है.  

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जानकारों की मानें तो अगर एग्जिट पोल आंकड़ों में तब्दील हुआ, तो फिर यहां से बाजार में और तेजी की संभावना है, हो सकता है कि इसी दौरान बाजार ऑल टाइम हाई तक पहुंच जाए. क्योंकि पिछले काफी दिनों से बाजार को एक पॉजीटिव ट्रिगर का इंतजार है. वो बिहार चुनाव का रिजल्ट हो सकता है. 

अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो...

लेकिन सवाल उठता है कि अगर बिहार में एनडीए की पकड़ कमजोर रही तो फिर क्या होगा? कुछ रिपोर्ट्स कह रही हैं कि अगर बीजेपी और उसके साथी दलों की सीटें अनुमान से कम रहीं, तो बाजार कुछ समय के लिए गिर भी सकता है. 

एक्सपर्ट्स दोनों पहलुओं पर बात कर रहे हैं, अगर एनडीए की सीटें कम आईं, तो बाजार यानी निफ्टी में 5 से 7 फीसदी तक की गिरावट देखी जा सकती है. विदेशी निवेशक भी इस बीच अपना पैसा निकाल सकते हैं, जिससे रुपया थोड़ा कमजोर और बाजार अस्थिर हो सकता है. मुद्रा, बॉन्ड रेट और मुनाफाखोरी बढ़ सकती है. 

इन सेक्टर्स पर दबाव संभव

इसका असर केंद्र सरकार की नीतियों पर भी पड़ सकती है. इंफ्रास्ट्रक्चर, रक्षा और सरकारी प्रोजेक्ट्स वाले शेयरों पर थोड़ा दबाव बन सकता है, क्योंकि ये सेक्टर सरकार की नीतियों से सीधे जुड़े होते हैं. वहीं कंज्यूमर गुड्स और मिड-कैप शेयरों में हल्की मजबूती देखने को मिल सकती है.

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हालांकि देश की इकोनॉमी और इंडस्ट्रीज के हिसाब से बिहार शेयर बाजार के लिए अहम नहीं है. ऐसे में अगर बिहार में महागठबंधन के पक्ष में नतीजे आते हैं तो कुछ दिन तक ही इसका बाजार पर असर होगा. क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था के बुनियादी पहलू अभी भी मजबूत हैं, इंडस्ट्री बढ़ रही है, मुनाफे बढ़ रहे हैं और घरेलू निवेशक भरोसे में हैं. 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबी अवधि के निवेशकों को सलाह है कि घबराकर अपने शेयर बेचने की जल्दबाजी न करें. बाजार में थोड़ा ठहराव आ सकता है, लेकिन यह स्थायी नहीं होगा. इसलिए बिहार में किसी की भी सरकार बने, बाजार में पॉजीटिव या निगेटिव असर चंद दिन तक ही देखने को मिलेगा.
 

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