F&O निवेश से भारतीय परिवारों को हर साल 60 हजार करोड़ की चपत, सेबी ने निवेशकों के हित के लिए उठाया बड़ा कदम!

सेबी चेयरपर्सन का कहना है कि इतना बड़ा नुकसान बचाने के लिए ये रकम IPOs, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) या दूसरे निवेश प्रॉडक्ट्स (Investment Products) में लगाई जा सकती थी.

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आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 7:26 AM IST

शेयर मार्केट (Share Market) रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने एक बार फिर से फ्यूचर एंड ऑप्शन यानी F&O कैटेगरी को लेकर बड़ी चिंता जताई है. उन्होंने इस बात को लेकर भी हैरानी जताई है कि इससे 90 फीसदी निवेशकों को हो रहे नुकसान के बावजूद इसे बड़ा मुद्दा क्यों नहीं बनाया जा रहा है. उन्होंने सेबी की एक स्टडी का हवाला देकर कहा है कि -F&O कैटेगरी में हिस्सा लेने वाले देश के परिवारों को साल भर में 60 हजार करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है. 

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दरअसल, 90 फीसदी निवेशकों को इस ट्रेंडिंग से घाटे होने का खुलासा भी स्टडी में हुआ है. सेबी चेयरपर्सन का कहना है कि इतना बड़ा नुकसान बचाने के लिए ये रकम IPOs, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) या दूसरे निवेश प्रॉडक्ट्स (Investment Products) में लगाई जा सकती थी. सेबी ने इसको लेकर एक परामर्श पत्र भी जारी किया है जिसमें इस गतिविधि को सीमित करने के तरीके सुझाए गए हैं.

इंडेक्स डेरिवेटिव नियम कड़े किए जाएंगे!
बुच ने कहा कि भले ही शेयर बाजारों को एफएंडओ कम होने पर कम चार्ज मिलेगा, लेकिन लॉन्ग टर्म में ये सभी के लिए फायदेमंद ही होगा. इस बीच फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग से आम निवेशकों को होने वाले घाटे को कम करने के लिए SEBI ने इंडेक्स डेरिवेटिव के नियमों को कड़ा करने का प्रस्ताव रखते हुए फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में मिनिमम कॉन्ट्रेक्ट साइज में संशोधन और ऑप्शन प्रीमियम के लिए अपफ्रंट मार्जिन का प्रावधान करने की बात कही है.

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इससे पहले आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट 2023-24 में भी डेरिवेटिव सेगमेंट में रिटेल निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी पर चिंता जताई गई थी. आर्थिक सर्वे के मुताबिक एक विकासशील देश में सट्टा कारोबार की कोई जगह नहीं है.

सेबी ने जारी किया कंसल्टेशन पेपर
सेबी ने अपने कंसल्टेशन पेपर में वीकली इंडेक्स प्रोडक्ट्स को तर्कसंगत बनाने, सौदे के दायरे के दिन में कारोबार के दौरान निगरानी करने, ​कीमतों को वाजिब बनाने, एफएंडओ ट्रेड्स के सेटलमेंट के दिन कैलेंडर स्प्रेड फायदे को हटाने और निकट अनुबंध समाप्ति मार्जिन को बढ़ाने जैसे उपायों का प्रस्ताव रखा है. सेबी ने इन प्रस्तावों पर 20 अगस्त तक लोगों के सुझाव मांगे हैं.

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