Sahara में फंसे हैं आपके भी पैसे... तो जल्द मिलेंगे वापस! SC ने कहा- प्रॉपर्टी बेचकर लौटाएं

Supreme Court की तीन जजों की पीठ ने मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए कहा कि 10 वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है और सहारा समूह (Sahara Group) ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को लगाई फटकार सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को लगाई फटकार

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:10 AM IST

लाखों इन्वेस्टर्स की तरह अगर आपके भी पैसे सहारा इंडिया (Sahara India) की सेविंग स्कीम्स में फंसे हुए हैं, तो फिर आपके लिए गुड न्यूज आई है. सुप्रीम कोर्ट ने Sahara Group को फटकार लगाते हुए दो-टूक कह दिया है कि निवेशकों का पैसा लौटाने में देरी न हो और इसके लिए समूह अपनी संपत्ति को बेचकर पैसा लौटा सकता है. अदालत की ओर से  सेबी-सहारा रिफंड खाते में करीब 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के संबंध में ये बड़ी टिप्पणी की गई है. 

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अकाउंट में जमा कराने हैं 10000 करोड़
SEBI Vs Sahara मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निवेशकों का फंसा पैसा लौटाने के लिए सेबी-सहारा रिफंड खाते में करीब 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए सहारा समूह पर अपनी संपत्ति बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं है और इसे बेचकर वो ये पैसा लौटा सकता है.

Supreme Court ने बीते 31 अगस्त, 2012 को जारी अपने निर्देश में साफ कहा था कि सहारा ग्रुप की कंपनियां SIRECL और SHICL इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स या निवेशकों के समूह से जुटाई गई रकम को 15 फीसदी सालाना ब्याज के साथ सेबी को वापस करेंगी. 

SC ने लगाई सहारा ग्रुप को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह (Sahara Group) द्वारा अदालत के निर्देशानुसार राशि जमा नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए फटकार भी लगाई गई है. कोर्ट ने कहा है कि सदस्यता राशि डिपॉजिट होने की तारीख से 3 महीने के भीतर री-पेमेंट की तारीख तक ये सब करना होगा.

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अब तीन जजों की पीठ ने सहारा ग्रुप को अपनी संपत्तियां बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए निर्देशित किया गया है. हालांकि, जस्टिस संजीव खन्ना, एम एम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने साफ किया है कि इन संपत्तियों को सर्किल रेट से कम कीमत पर नहीं बेचा जाना चाहिए और ऐसी स्थिति में पहले कोर्ट से परमिशन लेनी जरूरी है. 

'10 साल बीते, नहीं माना आदेश'
Supreme Court की पीठ ने मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए ये भी कहा कि 10 वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है और सहारा समूह ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया है. ऐसे में अब निवेशकों को सहारा इंडिया की कंपनियों में फंसे उनकी गाढ़ी कमाई के पैसे मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सहारा समूह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैसे लौटाने में देरी के लिए कहा था कि कंपनी को अपनी संपत्तियां बेचने का अवसर नहीं दिया गया.

रिपोर्ट्स की मानें तो सहारा ग्रुप की चार कोऑपरेटिव सोसाइटीज में करीब तीन करोड़ निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई जमा की थी. सबसे ज्यादा निवेशक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से हैं. लेकिन निवेश की अवधि पूरी जाने के बाद भी लोगों को उनका पैसा वापस नहीं मिला. सालों से ये लोग पैसा वापसी के लिए भटक रहे थे.

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इनमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ( Sahara Credit Cooperative Society Ltd.), सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड(Saharayan Universal Multipurpose Society Ltd.), हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (Humara India Credit Cooperative Society Ltd.), स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (Stars Multipurpose Cooperative Society Ltd) शामिल हैं.

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