सरकारी कंपनी BEML लिमिटेड (पहले भारत अर्थ मूवर लिमिटेड) ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने बोर्ड मीटिंग में स्टॉक स्प्लिट 1:2 के रेशियो में अप्रूव किया है. इसका मतलब है कि निवेशकों को 1 के बदले दो शेयर दिए जाएंगे यानी अगर बीईएमएल के शेयर 10 शेयर आपके पोर्टफोलियो में है तो कुल 20 शेयर हो जाएंगे. हालांकि शेयर वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होगा.
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि बीईएमएल के 414वीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में 10 रुपये के फेस वैल्यू पर 1 स्टॉक को 2 शेयरों में बंटवारे की मंजूरी दी गई है. यानी प्रत्येक शेयरों का फेस वैल्यू 5 रुपये हो जाएगा. कंपनी ने यह भी कहा कि शेयर विभाजन की रिकॉर्ड डेट शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिलने के बाद ऐलान किया जाएगा.
शेयर होल्डर्स के लिए क्या मतलब है?
शेयर होल्डर्स के लिए 1:2 शेयर विभाजन का अर्थ है कि उनके वर्तमान में प्रत्येक एक शेयर के बदले विभाजन के बाद उन्हें दो शेयर मिलेंगे. हालांकि उनके निवेश की कुल वैल्यू अनचेंज रहेगी.
कैसा है BEML का शेयर?
BEML का कारोबार पिछली बार 0.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,375.85 रुपये पर हुआ था. टेक्निकल लेवल पर यह शेयर 5 दिन के मूविंग एवरेज (SMA) से कम, लेकिन 10-दिवसीय, 20-दिवसीय, 30-दिवसीय, 50-दिवसीय, 100-दिवसीय, 150-दिवसीय और 200-दिवसीय सरल मूविंग एवरेज (SMA) से अधिक रहा. इसका 14-दिवसीय सापेक्षिक शक्ति सूचकांक (RSI) 47.68 पर आया. 30 से नीचे के स्तर को ओवरसोल्ड माना जाता है जबकि 70 से ऊपर के मूल्य को ओवरबॉट माना जाता है.
कंपनी के शेयर का प्राइस टू अर्निंग (P/E) अनुपात 62.20 है जबकि प्राइस टू बुक (P/B) मूल्य 7.16 है. प्रति शेयर आय (EPS) 70.42 रही और इक्विटी पर प्रतिफल (RoE) 11.52 रहा. ट्रेंडलाइन के आंकड़ों के अनुसार, BEML का एक वर्षीय बीटा 1.5 है, जो उच्च अस्थिरता को दर्शाता है.
इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने पिछले सप्ताह बताया कि उसे 6.23 मिलियन डॉलर के कुल मूल्य के दो अलग-अलग एक्सपोर्ट ऑर्डर मिले हैं. बीईएमएल, रक्षा मंत्रालय के अधीन एक पब्लिक सेक्टर की कंपनी है, जो रक्षा, रेलवे, खनन, बिजली और निर्माण जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में कार्यरत है. जून 2025 तक, सरकार के पास कंपनी में 53.86 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
बुलेट ट्रेन के लिए मिला है काम
कंपनी को भारत की स्वदेशी बुलेट ट्रंन बनाने का काम मिला है. सरकारी कंपनी BEML को इंडियन रेलवे के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री से ये काम दिया गया है. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 866 करोड़ रुपये है और इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
(नोट- किसी भी कंपनी में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
आजतक बिजनेस डेस्क