मदर डेयरी ने दिया महंगाई का झटका, दूध के दाम में हुआ 2 रुपये का इजाफा

मडर डेयरी ने दूध के दाम में इजाफा किया है. अब ग्राहकों को 2 रुपये प्रति लीटर दूध के लिए चुकाना होगा. नई दरें बुधवार से लागू होंगे. कंपनी का कहना है कि गर्मी और हीटवेव की वजह से पशुओं का दूध उत्पादन घट गया है.

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मदर डेयरी ने दूध के दाम 2 रुपये लीटर बढ़ाने का किया ऐलान (फाइल फोटो) मदर डेयरी ने दूध के दाम 2 रुपये लीटर बढ़ाने का किया ऐलान (फाइल फोटो)

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 29 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:46 AM IST

Milk Price Hike: आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है. मडर डेयरी ने दूध की कीमत में इजाफा किया है. अब ग्राहकों को 2 रुपये प्रति लीटर मौजूदा रेट से एक्स्ट्रा देना होगा. आज (बुधवार) से नए कीमत लागू हो गए हैं. दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के सभी राज्यों के लिए नए कीमत प्रभावी होंगे. मडर डेयरी दिल्ली-एनसीआर में रोजाना लगभग 35 लाख लीटर दूध बेचती है. 

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मडर डेयरी ने क्यों बढ़ाए दाम?

कंपनी का कहना है कि कीमतें इसलिए बढ़ा गई हैं क्योंकि किसानों से दूध लेने की लागत में 4 से 5 रुपये तक का इजाफा हुआ है. इसकी बड़ी वजह देशभर में गर्मी के सीजन का जल्द शुरुआत होना और कई राज्यों में चल रहा हीटवेव है, जिससे पशुओं का दूध उत्पादन घट गया है.

कौन-कौन सी वैरायटी के दाम बढ़े?

टोन्ड मिल्क (पाउच) की कीमत 56 रुपये से बढ़कर 57 रुपये प्रति लीटर हो गया. फुल क्रीम दूध (पाउच) 68 रुपये से 69 रुपये प्रति लीटर हो गया. डबल टोन्ड दूध की कीमत 49 रुपये से 51 रुपये प्रति लीटर और गाय का दूध 57 रुपये से 59 रुपये प्रति लीटर हो गया. बिना पैक वाला टोन्ड दूध 54 रुपये से 56 रुपये प्रति लीटर हो गया.

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कंपनी ने क्या कहा?

मदर डेयरी ने कहा है कि ग्राहकों पर कंपनी आंशिक बोझ डालती है. जैसे लागत में 4 से 5 रुपये तक का इजाफा हुआ तो ग्राहकों के लिए 2 रुपये दाम बढ़ाए गए हैं. कंपनी का मकसद है कि किसानों को उनकी लागत का सही दाम मिल सके. साथ ही ग्राहकों को अच्छे क्वालीटी का दूध का निरंतर आपूर्ति होते रहे.

दूध की कीमत बढ़ने से क्या होगा?

दूध की कीमत बढ़ने से बड़े पैमाने पर लोगों को इसका असर पता चलेगा. दूध की कीमत बढ़ने से घर के बजट पर असर पड़ेगा, दूध से बनने वाले प्रोडक्ट्स महंगे हो जाएंगे. इसके साथ ही बच्चों और बुजुर्गों के पोषण पर असर पड़ेगा. दूध की कीमत बढ़ने से इसकी खपत कुछ परिवार कम कर देंगे. साथ ही सरकार पर कीमत नियंत्रित करने का दबाव बनेगा.

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