अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ (Trump Tariff) से दुनिया में ट्रेड वॉर की स्थिति बनी. एक ओर जहां ट्रंप इसे देश के राजस्व में इजाफे का हथियार करार देते नजर आए, तो वहीं इसके विपरीत प्रभाव भी देखने को मिले हैं. कई अर्थशास्त्री लंबे समय से अमेरिका के मंदी की कगार पर खड़े होने की चेतावनी दे रहे हैं. वहीं अब मूडीज की ओर से बड़ी चेतावनी दी गई है. Moody's Analytics की ओर से कहा गया है कि सिर्फ दो राज्य ऐसे हैं, जो तय कर सकते हैं कि US में मंदी आएगी या नहीं.
'नहीं तो बिगड़ जाएगा संतुलन'
मूडीज एनालिटिक्स के चीफ इकोनॉमिस्ट मार्क जैंडी की मानें तो न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया अमेरिका की ठप अर्थव्यवस्था और पूर्ण मंदी के बीच की अंतिम रेखा हो सकते हैं. गौरतलब है कि जैंडी खुद महीनों से चेतावनी दे रहे हैं कि अमेरिका मंदी के करीब पहुंच रहा है. उनका कहना है कि देश की इन दो सबसे बड़ी सरकारी अर्थव्यवस्थाओं की वित्तीय सेहत संतुलन बना और बिगाड़ सकता है.
टैरिफ की चुनौतियों से जूझ रहे दोनों
मार्क जैंडी ने आर्थिक प्रतिकूल परिस्थितियों को लेकर कहा कि इस समय न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया दोनों बराबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनकी ग्रोथ में काफी तेज प्रतिकूल परिस्थितियां हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ मजबूत अनुकूल परिस्थितियां भी देखने को मिली हैं. जैंडी के नए एनालिसिस के अनुसार, दोनों पानी में तैरते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि अन्य राज्य पहले ही स्थानीय मंदी की चपेट में आ चुके हैं.
उन्होंने मुख्य चिंता के बारे में बात करते हुए कहा कि दोनों राज्य ग्लोबलाइजेशन और मुक्त व्यापार पर बहुत अधिक निर्भर हैं. लेकिन, बढ़ते टैरिफ और सख्त आव्रजन नीतियों के साथ ही गैर-वैश्वीकरण की व्यापक प्रवृत्ति के साथ दोनों ही संरचनात्मक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. बिजनेस इनसाइडर को दिए एक इंटरव्यू में जैंडी ने कहा कि दोनों राज्य हाई ट्रंप टैरिफ और अत्यधिक प्रतिबंधात्मक आव्रजन नीति से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहे हैं, लेकिन राज्यों को एआई निवेश में तेजी और शेयर बाजारों में बढ़त का फायदा भी मिल रहा है, जिससे उच्च आय वाले परिवारों में उपभोक्ता खर्च बढ़ रहा है.
न्यूयॉर्क-कैलिफोर्निया पर टिकी निगाहें
जैंडी के मुताबिक, कैलिफोर्निया का टेक सेक्टर जो छंटनी के प्रति संवेदनशील है और वहां के जॉब मार्केट के लिए एक संभावित जोखिम दिख रहा है. फिर भी उनका कहना है कि हेल्थ सर्विस और शिक्षा जैसे अन्य क्षेत्र इस कमी को कुछ हद तक पूरा कर रहे हैं. मूडीज इकोनॉमिस्ट ने अगस्त में कहा था कि अमेरिका मंदी के कगार पर है और सितंबर तक स्थिति और भी बिगड़ गई है. अब सबकी निगाहें न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया पर टिकी हैं.
अमेरिका में हाई पर है महंगाई
मार्क जैंडी का कहना है कि जैसा ओहायो चलता है, वैसा ही देश चलता है. यह कहावत अब शायद लागू न हो, लेकिन आज की अर्थव्यवस्था में असली खिलाड़ी शायद किनारों पर ही हैं. बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ वॉर का असर बड़े पैमाने पर देखने को मिला है. अमेरिका में आयातित होने वाली कुछ चीजों की कीमतों में तेजी आने से सितंबर में भी रिटेल महंगाई ऊंचे स्तर पर बनी रही. अमेरिकी श्रम विभाग द्वारा हाल ही में जारी महंगाई के आंकड़े देखें, तो उपभोक्ता कीमतों में सितंबर में एक साल पहले की तुलना में 3% बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो अनुमान से कम, लेकिन इससे पिछले अगस्त में 2.9% से अधिक रही.
आजतक बिजनेस डेस्क