चश्मे बनाने और बेचने वाली दिग्गज कंपनी लेंसकार्ट के आईपीओ की आज शेयर मार्केट में लिस्टिंग (Lenskart IPO Listing) होने वाली है, लेकिन इससे पहले ही इसने पैसे लगाने वालों की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल, इस इश्यू का ग्रे मार्केट प्रीमियम (Lenskart GMP) लिस्ट होने से ऐन पहले क्रैश नजर आया है और अपने हाई 90% तक फिसल गया है. बाजार में गिरावट के बीच लेंसकार्ट की लिस्टिंग भी डिस्काउंट पर होने के संकेत मिल रहे हैं.
7278Cr साइज, 28 गुना सब्सक्राइब्ड
लेंसकार्ट सॉल्यूशंस का आईपीओ बीते 31 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हुआ था और इसमें निवेशकों ने 4 नवंबर तक बोली लगाई थी. इस इश्यू का कुल साइज 7,278 करोड़ रुपये था. इसे कुल मिलाकर 28.26 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें 32.56 लाख से ज्यादा आवेदन आए और 1.13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बोलियां मिलीं. QIB कैटेगरी सबसे ज्यादा 40.35 गुना सब्सक्राइब्ड की गई. वहीं रिटेल का हिस्सा 7.54 गुना भरा था.
इतना था शेयरों का प्राइस बैंड
Lenskart IPO के लिए कंपनी ने 382-402 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया था. इसके लिए लॉट साइज 37 शेयरों का था. इस आईपीओ के तहत कंपनी ने 2,150 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर, जबकि 12,75,62,573 शेयरों की सेल OFS के जरिए की थी. शुरुआत में जहां ये आईपीओ ग्रे-मार्केट में धमाल मचाने के संकेत दे रहा था, तो वहीं लिस्टिंग से ऐन पहले इसकी तस्वीर बदल गई है.
GMP धड़ाम, निवेशक चिंता में
खास बात ये है कि लेंसकार्ट सॉल्यूशंस के ग्रे मार्केट प्रीमियम में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बोलियां मिलने के बाद भी भारी गिरावट देखने को मिली है. इसका जीएमपी 6-8 रुपये तक गिर गया था, हालांकि लिस्टिंग डे पर ये 10 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इससे पहले जब Lenskart IPO सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हुआ था, तो इसका जीएमपी 95-100 रुपये पर था. यानी ये 90 फीसदी तक गिर चुका है.
इस आईपीओ के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी, एवेंडस कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, एक्सिस कैपिटल और इंटेंसिव फिस्कल सर्विसेज लीड मैनेजर थे, जबकि MUFG को रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया था.
2008 में हुई थी कंपनी की शुरुआत
Lenskart की शुरुआत साल 2008 में हुआ थी. ये कंपनी एक टेक बेस्ड आईवियर फर्म है, जो प्रिस्क्रिप्शन चश्मों, धूप के चश्मों, कॉन्टैक्ट लेंस और अन्य सहायक उपकरणों के डिजाइन, निर्माण, ब्रांडिंग और रिटेल बिक्री से जुड़ी हुई है. डायरेक्ट टू कंज्यूमर तक पहुंच के मॉडल के तहत यह अपने ब्रांड और सब-ब्रांड्स के तहत आईवियर की एक बड़ी रेंज पेश करती है.
(नोट- किसी भी आईपीओ या शेयर बाजार में पैसे लगाने से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)
आजतक बिजनेस डेस्क