जापान, ब्राजील, साउथ कोरिया से लेकर थाईलैंड-कंबोडिया तक दुनिया के तमाम देशों पर अमेरिकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए सिरे से टैरिफ (Trump Tariff) का ऐलान किया है और इस देशों को टैरिफ लेटर भी भेज दिए हैं, जिनमें टैरिफ लगाने के पीछे का कारण भी बताया गया है. हालांकि, अभी तक जिन देशों को ये Trump Tariff Letters भेजे गए हैं, उनकी लिस्ट से भारत बाहर बना हुआ है. इसके पीछे बड़ा कारण भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (India-US Trade Deal) को लेकर हो रही बातचीत है. हालांकि, कुछ अहम मुद्दों को लेकर ये अटकी हुई है और बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि ट्रंप की टैरिफ लागू करने की तय डेडलाइन 1 अगस्त से पहले इस पर अंतिम मुहर लग पाएगी? इसके लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal On Trade Deal) ने बड़ी बात कही है.
अमेरिकी डिमांड पर भारत अडिग
सबसे पहले बात करते हैं कि आखिर India-US Trade Deal अटकी कहां है, तो बता दें इस डील के तहत अमेरिका भारतीय बाजारों को US Agri-Dairy प्रोडक्ट्स के लिए खोलने की मांग कर रहा है और इनपर भारत की ओर से लगाए जा रहे टैरिफ में कटौती करने की डिमांड कर रहा है. वहीं भारत गेहूं-चावल और दूध समेत अन्य एग्रीकल्चर और डेयरी उत्पादों को लेकर अपने रुख अडिग बना हुआ है और इस डिमांड को पूरा करने से साफ इनकार किया है. जहां एक ओर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने स्पष्ट किया कि FTA दोनों देशों के लिए फायदेमंद होना चाहिए. तो कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान साफ कर चुके हैं कि किसी दबाव में बातचीत नहीं होगी और भारतीय किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही India-US Trade Deal पर बात की जाएगी.
1 अगस्त डेडलाइन, क्या पहले बनेगी बात?
भारत-US ट्रेड डील पर हालिया अपडेट की बात करें, तो वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम फिर से वाशिंगटन पहुंच गई है और इस कोशिश में है कि ट्रंप की टैरिफ लागू किए जाने की 1 अगस्त 2025 की डेडलाइन से पहले एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट को लेकर फंसे पेंच का तोड़ निकाला जा सके, जिससे डील पर बात बन जाए. इसे लेकर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने अपडेट देते हुए बड़ी बात कही है. पीटीआई के मुताबिक, गोयल ने कहा है कि प्रस्तावित ट्रेड डील को लेकर अमेरिका के साथ बातचीत तेजी गति से चल रही है.
गोयल बोले- 'दोनों देशों के फायदे का सौदा हो...'
Piyush Goyal ने कहा कि व्यापार समझौते के अगले दौर की वार्ता के लिए भारतीय टीम वाशिंगटन पहुंच गई है, ताकि हम US के साथ एक ऐसा समझौता कर सकें, जो दोनों ही देशों के लिए फायदे का सौदा साबित हो. इस मामले से जुड़े एक सीनियर ऑफिशियल ने भी कहा है कि बात बनती है, तो फिर इस डील को 1 अगस्त से पहले अंतिम रूप दिया जा सकता है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump भी कई बार कह चुके हैं कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील होने के बेहद करीब है.
डील हुई तो इतना रह सकता है टैरिफ
ट्रंप लगातार दुनिया के देशों पर अपना Tariff Bomb फोड़ रहे हैं और उनकी लिस्ट में शामिल 25 देशों पर नए टैरिफ का ऐलान किया जा चुका है. कई मुद्दों पर पेंच फंसने को लेकर भले ही India-US Trade Deal अभी फाइनल नहीं हो पाई है, लेकिन इसे लेकर जो संकेट ट्रंप की ओर से दिए गए हैं, वो भारत के लिए राहत भरे हैं. दरअसल, हाल ही में कनाडा पर 35 फीसदी टैरिफ का ऐलान करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से संकेत दिया गया था कि भारत पर अमेरिकी टैरिफ (US Tariff On India) 20 फीसदी के नीचे रह सकता है. उन्होंने कहा था कि जरूरी नहीं है कि हर देश को लेटर भेजा जाए, जो व्यापारिक साझेदार हैं, उनपर 15 से 20 फीसदी तक ही होगा.
कृषि-डेयरी पर समझौते के मूड में क्यों नहीं भारत?
यहां ये जान लेना जरूरी है कि अमेरिका की एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर पर की जा रही मांग को पूरा करने के पक्ष में आखिर भारत क्यों नहीं है? तो इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि भारत ने अब तक UK-ऑस्ट्रेलिया के साथ की गई डील में भी इन सेक्टर्स को बाहर ही रखा है. इसे लेकर बीते दिनों ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने भी एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि डेयरी, पोल्ट्री, जीएम सोया और चावल जैसे तगड़ी सब्सिडी वाले अमेरिकी निर्यात से भारत की कृषि अर्थव्यवस्था (India's Agriculture Economy) के लिए गंभीर खतरा है और खाद्य सुरक्षा भी कमजोर हो सकती है.
आजतक बिजनेस डेस्क