कोरोना संकट में भी देश में आया रिकॉर्ड एफडीआई, सबसे ज्यादा गुजरात में 

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में भारत में 81.72 अरब डॉलर (करीब 5.93 लाख करोड़ रुपये) का एफडीआई आया है. एक साल पहले के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा है. 

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देश में आया रिकॉर्ड एफडीआई (फोटो: Getty Images) देश में आया रिकॉर्ड एफडीआई (फोटो: Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2021,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST
  • पिछले वित्त वर्ष में FDI का बना रिकॉर्ड
  • गुजरात पहले, महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर

कोरोना संकट से इकोनॉमी पर पड़े गहरे असर के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत में रिकॉर्ड 81.72 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 5.93 लाख करोड़ रुपये) का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है. सबसे ज्यादा एफडीआई गुजरात में आया है और दूसरा स्थान महाराष्ट्र का है. 

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में भारत में 81.72 अरब डॉलर का एफडीआई आया है. यह एक साल पहले के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा है. 

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महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर

राज्यों की बात करें तो इस दौरान सबसे ज्यादा 30.23 अरब डॉलर (करीब 2.20 लाख करोड़ रुपये) का एफडीआई गुजरात में आया है. इस तरह देश में आने वाले कुल एफडीआई का करीब 37 फीसदी अकेले गुजरात को मिला है. इसके बाद महराष्ट्र और कर्नाटक का स्थान है जिन्हें कुल एफडीआई का क्रमश: 27 फीसदी और 13 फीसदी ​हिस्सा मिला है.

लगातार चौथे साल गुजरात पहले स्थान पर

गुजरात में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का करीब 94 फीसदी हिस्सा कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सेक्टर में आया है. इस सेक्टर में देश में आने वाले एफडीआई का करीब 78 फीसदी हिस्सा अकेले गुजरात से आया है. गुजरात लगातार चौथे साल एफडीआई के मामले में देश में पहले स्थान पर है. 

निर्माण ​गतिविधियों, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर, रबर गुड्स, रीटेल ट्रेडिंग, ड्रग्स एवं फार्मा,इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स जैसे सेक्टर में इस दौरान एफडीआई में 100 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है. 

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मंदी के दौर में FDI में बढ़त

गौरतलब है कि पिछले साल मार्च से ही पूरा देश कोरोना संकट से परेशान है. इंडस्ट्री के कई सेक्टर तबाह हो गए हैं. भारत पिछले साल तकनीकी रूपी से मंदी के दौर में जा चुका था. लगातार तो तिमाहियों में जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रही. इसके बावजूद एफडीआई में यह बढ़त यह साबित करती है कि विदेशी निवेशकों को अब भी भारत की ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा है. 

(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित) 

 

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