India-Pakistan Tension: खजाना खाली... थर्रा रहा शेयर बाजार, भारत से दुश्मनी PAK पर भारी, बर्बादी तय!

India Vs Pakistan: पहलगाम हमले के बाद India-Pak Tension लगातार चरम पर पहुंचती जा रही है. भले ही पाकिस्तान परमाणु हमले की धमकी दे रहा है, लेकिन बदहाल इकोनॉमी, महंगाई और कर्ज के आंकड़े पाकिस्तान की पोल खोलते नजर आ रहे हैं.

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भारत से दुश्मनी पाकिस्तान पर पड़ रही भारी भारत से दुश्मनी पाकिस्तान पर पड़ रही भारी

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:50 AM IST

पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद शुरू हुआ भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव (India Pakistan Tension) चरम पर पहुंचता जा रहा है. जहां पाकिस्ताना परमाणु हमले की गीदड़भभकी दे रहा है, तो वहीं भारत में तैयारियां पूरी हैं और गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किए हैं कि वे सिविल डिफेंस की तैयारी करें. इसके चलते 7 मई को एक मॉक ड्रिल होगी, जिसमें रेड वार्निंग सायरन (War Siren Alert) बजाया जाएगा. इन युद्ध के हालातों के बीच जहां भारतीय शेयर बाजार से लेकर फॉरेक्स रिजर्व तक बढ़ रहा है और तो वहीं पाकिस्तान के हालात लगातार खराब हो रहे हैं. Pakistan Stock Market Crash हो रहा है, तो देश का खजाना खाली हो रहा है. इकोनॉमी का तो ये हाल है कि विदेशी एजेंसियां भी कंगाल पाकिस्तान को चेता रही हैं, कि भारत से जंग की, तो बर्बादी तय है. 

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पाकिस्तान को एक के बाद एक झटके
भारत-पाकिस्तान तनाव हाई लेवल पर पहुंच चुका है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान पर एक के बाद एक कड़े फैसले लागू किए गए हैं. इनमें इंडस वाटर ट्रीटी (Indus Water Treaty) सस्पेंशन के जरिए पानी रोककर वाटर स्ट्राइक की गई है, तो अटारी बॉर्डर (Atari Border Close) करते हुआ करारी आर्थिक चोट दी गई है. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी कुछ ऐसे ही फैसले लिए हैं, लेकिन पहले से कंगाली की कगार पर पहुंचे PAK के लिए ये फैसले खुद उसपर ही भारी पड़ रहे हैं. इसका असर पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट (Pakistan Stock Market) से लेकर देश के खजाने पर साफ दिख रहा है. 

पहलगाम हमले के बाद से PAK का बुरा हाल 
सबसे पहले बताते हैं कि भारत से टेंशन पाकिस्तान के शेयर बाजार पर कैसे भारी पड़ रही है. तो इसका अंदाजा 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से (Pahalgam Terror Attact) के बाद से लगातार क्रैश हो रहे पाकिस्तान शेयर बाजार (Pak Stock Market Crash) को देखकर लगाया जा सकता है. हमले वाले दिन से अब तक KSE-100 Index 8000 अंक से ज्यादा टूट चुका है. पहले से बदहाल पाकिस्तान में युद्ध के हालातों के बीच निवेशक घबराए हुए हैं और जोरदार बिकवाली करके पाकिस्तान स्टॉक मार्केट को झटके पर झटका दे रहे हैं.   

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स्टॉक मार्केट क्रैश, खजाना खाली   
Indo-Pak Tension के बीच भले ही पाकिस्तान भारत को तमाम तरह की धमकियां दे रहा है, लेकिन युद्ध करने के लिए पाकिस्तान कितना तैयार है, इसकी माली हालत को देखकर पता चल जाता है. गौरतलब है कि कोई भी देश सिर्फ शक्ति प्रदर्शन के बल पर युद्द को जारी नहीं रख सकता, उसे क्रेडिट, विश्वसनीयता और सबसे ज्यादा पैसों की जरूरत होती है और पाकिस्तान के पास इस समय शायद इसमें से कुछ भी नहीं है. पाकिस्तान का खजाना खाली है और इसका फॉरेक्स रिजर्व महज 15 अरब डॉलर के आस-पास है, जबकि इसके मुकाबले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 688 अरब डॉलर है. अब तो विदेशी एजेंसियों ने भी पाकिस्तान के चेताना शुरू कर दिया है. 

Moody's ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि अगर भारत से युद्ध होता है, तो फिर पाकिस्तान की बर्बादी तय है. इसमें चेतावनी देते हुए कहा गया है कि अगर तनाव बढ़ता है तो पाकिस्तान को तगड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि उसके विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Foreign Exchange Reserves) पर और दबाव आ सकता है और उसकी इकोनॉमिक ग्रोथ रेट आर्थिक वृद्धि (Pakistan Growth Rate) प्रभावित हो सकती है.

भारत पर भरोसा, पाकिस्तान को चेतावनी
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में साफ शब्दों में पाकिस्तान को आगाह करते हुए कहा है कि अगर India-Pak तनाव बढ़ता है या युद्ध की स्थिति बनती है, तो फिर इसका भारत की आर्थिक गतिविधियों (India's Economic Activities) में किसी बड़े व्यवधान की आशंका बिल्कुल भी नहीं है, इसकी वजह है कि पाकिस्तान के साथ भारत का व्यापार बहुत कम है. वहीं दूसरी ओर लंबे समय से आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान की पटरी पर आती गाड़ी फिर से फिसल सकती है. 

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कर्ज में फंसा PAK कैसे करेगा मुकाबला? 
पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तान की बौखलाहट को दुनिया ने देखा है. शहबाज शरीफ सरकार भी अपने देश की आर्थिक हालत से वाकिफ है और भारत के सख्त रुख के बाद से ही कटोरा हाथ में लेकर आर्थिक मदद के लिए चीन से लेकर IMF तक से गिड़गिड़ा रहा है. जहां आईएमएफ से 1.3 अरब डॉलर की मदद मांगी है, जिस पर फैसला 9 मई की बैठक में होना है, तो वहीं China से स्वैप लाइन को 30 अरब युआन से बढ़ाकर 40 अरब युआन करने की गुहार पाकिस्तान ने लगाई है. 

पाकिस्तान की बर्बादी और भारत ये युद्ध लड़ने की क्षमता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि परमाणु हमले की चेतावनी दे रहे पाकिस्तान पर 131.1 अरब डॉलर का कर्ज है, जो इसकी जीडीपी (Pakistan GDP) का करीब 42 फीसदी है. इसमें 85 फीसदी बाहरी कर्ज है और चीन की हिस्सेदारी इसमें सबसे ज्यादा है. कर्ज ही नहीं पाकिस्तान में महंगाई (Pakistan Inflation) की मार से भी जनता बेहाल है, जिसके चलते लोग जनता रोटी-दाल जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए जूझ रही है. पेट्रोल, गैस और बिजली की कीमतें आसमान छू रही हैं और भारत से युद्ध के हालातों के बीच इनकी मुसीबतें बढ़ना तय माना जा रहा है. 

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