अब क्या करेगा चीन? इस मामले में सबसे आगे निकला भारत... ड्रैगन दूसरे नंबर पर फिसला

India Manufacturing Cost: भारत लंबे समय से दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है और कई मामलों में देश नंबर-1 पायदान पर पहुंच रहा है, अब सबसे कम मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट वाले देशों में ये टॉप पर पहुंचा है, जो ड्रैगन (China) के लिए चिंता का सबब है.

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सबसे कम मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट के मामले में चीन से आगे भारत सबसे कम मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट के मामले में चीन से आगे भारत

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2025,
  • अपडेटेड 9:48 AM IST

अमेरिका से टैरिफ टेंशन (US Tariff Tension) हो, या फिर पाकिस्तान से तनाव का माहौल (Indo-PAK Tension), भारत इकोनॉमिक ग्रोथ समेत कई मामलों में अपने कदम आगे बढ़ा रहा है, बीते दिनों भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में जापान को पीछे छोड़ते हुए चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनकर ये साबित भी किया है. यही नहीं देश ने मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों ही सेक्टर में दुनिया में अपना डंका बजाया है. अब एक ताजा आंकड़ा सामने आया है और इसके मुताबिक, सबसे सस्ती मैन्युफैक्चरिंग लागत के मामले में भी भारत टॉप पर पहुंच गया है. जी हां ड्रैगन यानी चीन भी भारत से पीछे है. वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स (World's Of Statistics) ने यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट के हवाले जो आकंड़े जारी किए हैं, वो पाकिस्तान के दोस्त चीन के लिए चिंता बढ़ाने वाले हैं. 

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भारत टॉप पर, चीन फिसला 
बीते दिनों भारत भारत विनिर्माण (Manufacturing) और सेवा गतिविधि (Service Activities) दोनों में ही ग्लोबल चार्ट में टॉप पर पहुंचा था. जेपी मॉर्गन (JP Morgan) द्वारा जारी परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2025 में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 58.2 रहा, जबकि इसकी सर्विस पीएमआई 58.7 दर्ज किया गया है. ये आंकड़े भारत को विकसित और उभरते बाजारों में सबसे ऊपर रखते हैं. गौरतलब है कि PMI विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में फाइनेंशियल हेल्थ को दर्शाने वाला एक प्रमुख इंडेक्स हो और ये 50 से ऊपर होने का मतलब होता है कि उस सेक्टर में विस्तार हो रहा है. इससे नीचे संकुचन को दर्शाता है. इस मामले में न केवल चीन और अमेरिका (China-America), बल्कि फ्रांस भी भारत से पीछे है.

अब एक आंकड़ा सामाने आया है, जो मैन्युफैक्चरिंग से ही जुड़ा हुआ है और China के लिए चिंता का सबब है. दरअसल, भारत मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट के मामले में दुनिया का सबसे सस्ता देश है. वहीं अब तक 'दुनिया की फैक्ट्री' के तौर पर मशहूर चीन का नंबर भारत के बाद आता है और तीसरे पायदान पर वियतनाम शामिल है. वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स ने यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट के हवाले से जो आंकड़े जारी किए हैं, उसमें टॉप पर India को रखा गया है. इस लिस्ट में सबसे कम मैन्युफैक्चरिंग लागत वाले 89 देशों के बारे में बताया गया है. इसमें टॉप-10 में भारत, चीन और वियतनाम के बाद चौथे नंबर पर थाइलैंड, पांचवें पर फिलिपींस, छठे पर बांग्लादेश, सातवें पर इंडोनेशिया, आठवें पर कंबोडिया और नौंवे व दसवें पायदान पर क्रमश: मलेशिया और श्रीलंका हैं. 

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सबसे ज्यादा विनिर्माण लागत कहां? 
वर्ल्ड्स ऑफ स्टेटिस्टिक्स (World's Of Statistics) की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले Twitter) शेयर की गई ताजा लिस्ट पर गौर करें, तो जहां भारत-चीन जैसे देशों में सबसे कम विनिर्माण लागत है, तो वहीं सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट के मामले में फ्रांस (France) आगे है. इसके बाद ब्रिटेन (UK) और स्विट्जरलैंड का नंबर आता है. वहीं इस मामले में ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, कानाडा के साथ ही अमेरिका (USA) का भी नाम शामिल है, जहां मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट हाई है. 

कैसे भारत के लिए फायदेमंद? 
भारत में सस्ती मैन्युक्चरिंग का बड़ा फायदा देश की इकोनॉमी को हो सकता है. कम लागत होने के चलते यह दुनियाभर की दिग्गज कंपनियों के लिए सबसे फेवरेट और किफायती मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बन सकता है और अन्य देशों से ये कंपनियां अपनी यूनिट्स भारत में स्थापित करने पर जोर दे सकती हैं. इसका सीधा असर भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई (FDI) पर देखने को मिलेगा. अगर ऐसा होता है तो फिर सबसे तगड़ा झटका चीन के लिए साबित हो सकता है. जहां से पहले ही तमाम बड़ी कंपनियां अपना कारोबार समेत भारत की ओर आकर्षित हुई हैं. 

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