इंडिगो एयरलाइन संकट (IndiGo Crisis) का हर ओर असर देखने को मिल रहा है. जहां एक ओर बीते पांच दिनों में गंभीर परिचालन अव्यवस्था के कारण सैकड़ों फ्लाइट कैंसिल हुई, जिससे इस एयरलाइन कंपनी के विमानों से यात्रा करने वालों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. तो वहीं दूसरी ओर IndiGo Share में पैसे लगाने वाले निवेशकों का भी हाल बेहाल है. जी हां, ये एयरलाइन स्टॉक जितना पूरे छह महीने में नहीं टूटा, उससे ज्यादा तो महज पांच दिन में ही बिखर चुका है. साफ शब्दों में कहें, तो IndiGo Crisis Impact दोहरी चोट पहुंचा रहा है.
DGCA सख्त, IndiGo CEO को नोटिस
सबसे पहले बताते हैं इंडिगो संकट के ताजा हालात के बारे में, तो एयरलाइन क्राइसिस की वजह से पिछले पांच दिन से हजारों यात्रियों का हाल-बेहाल है. जहां सैकडों फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं, तो तमाम रद्द और रिशेड्यूल की गई हैं. हालात में सुधार न होने पर विमानन नियामत DGCA भी सख्त रुख अख्तियार कर रहा है. डीजीसीए ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर इसिड्रो पोर्केरास को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब देने को कहा. इसमें बड़े पैमाने पर उड़ानों की देरी और कैंसिलेशन को नियामक ने स्पष् तौर पर एयरलाइन की योजना, निगरानी और संसाधन प्रबंधन में गंभीर चूक बताया है.
यात्रियों के साथ निवेशकों पर भी संकट
Indigo Crisis से न सिर्फ इसके यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोबल एविएशन लिमिटेड (Interglobe Aviation Ltd) के शेयरों में पैसे लगाने वाले भी संकट में नजर आ रहे हैं. बीते पांच दिन जबसे एयरलाइन संकट शुरू हुआ है, IndiGo Share बिखरता जा रहा है. ये इन पांच दिनों में इतना टूट चुका है, जितना बीते छह महीने में नहीं टूटा.
इंडिगो शेयर पर नजर डालें, तो पिछले पांच कारोबारी दिनों में इस शेयर का भाव 8.76 फीसदी तक कम हो गया है. निवेशकों को हर एक शेयर पर सीधे 515.50 रुपये का घाटा हुआ है. जबकि बीते छह महीने में Indigo Stock Fall पर नजर डालें, तो ये महज 5.75% फिसला है, तो पिछले एक महीने में ये कुल मिलाकर 3.87% ही टूटा है. शेयर में हालिया बड़ी गिरावट का असर एयरलाइन कंपनी के मार्केट कैप पर भी पड़ा है और ये घटकर 2.08 लाख करोड़ रुपये रह गया है.
IndiGo संकट का ये बड़ा कारण?
रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिगो एयरलाइन में जारी समस्या को लेकर एयरएशिया के पूर्व CFO विजय गोपालन ने बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि असली समस्या बहुत गहरी है और ये जल्द ठीक नहीं हो पाएगी. IndiGo Crisis के पीछे का बड़ा कारण समझाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने पायलटों के लिए हफ्ते में 36 घंटे आराम के पहले के नियम को बदलकर अब 48 घंटे किया है और कहा है कि Pilots को आराम की जरूरत है.
इसकी सीधा मतलब है कि विमानों के पायलटों के उड़ान भरने के लिए उपलब्ध घंटों की संख्या कम हो जाएगी. ऐसे में जब तक आप पायलटों की संख्या में इजाफा नहीं करते, सभी विमानों को चलाने के लिए उपलब्ध पायलटों की संख्या तार्किक रूप से कम हो जाती है, यही इंडिगो के साथ भी हुआ है.
(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)
आजतक बिजनेस डेस्क