वित्तीय कंपनी आईडीएफसी लि. (IDFC) के शेयरधारकों ने भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय को कंपनी का गैर-कार्यकारी निदेशक (Non-Independent Non-Executive Director) फिर से नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
कंपनी की बुधवार को हुई 24वीं सालाना आम बैठक में गैर-स्वतंत्र गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में राय की नियुक्ति को लेकर मतदान हुआ. शेयरधारकों की मीटिंग में 37.711 फीसदी ने इस प्रस्ताव के पक्ष में जबकि 62.289 फीसदी ने इस प्रस्ताव के विपक्ष में वोट दिया.
इतने फीसदी ने किया विरोध
प्रस्ताव के तहत उनकी नियुक्ति 22 मई, 2023 तक के लिये प्रस्तावित की गई थी. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुई वोटिंग में शेयरधारकों के 37.71 प्रतिशत वोट राय के पक्ष आए, जबकि प्रस्ताव के विरोध में 62.28 शेयरधारकों ने वोट किया.
शेयर होल्डर्स ने AGM में दूसरे सभी प्रस्तावों को मंजूरी दी. इससे पहले, ऐसी खबरें थीं कि कुछ निवेशकों ने राय को नॉन-इंडिपेंडेंट गैर-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में फिर से नियुक्त करने के प्रस्ताव को लाल झंडी दिखा दी थी.
काम करने का लंबा अनुभव
इस साल मई में, IDFC ने राय को नॉन-इंडिपेंडेंट गैर-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया था, जिसके लिए शेयर होल्डर्स की मंजूरी मिलनी बाकी थी. विनोद राय CAG रह चुके हैं और उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों दोनों में कई अलग-अलग पदों पर काम करने का लंबा अनुभव है.
राय सरकार की तरफ से गठित बैंक बोर्ड ब्यूरो के अध्यक्ष भी थे. इसके अलावा, राय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), ICICI बैंक, IDBI बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम सहित कई बोर्डों में डायरेक्टर रहे हैं.
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