'दुर्भावना से प्रेरित थी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, नुकसान पहुंचाना था मकसद', गौतम अडानी का पलटवार

हिंडनबर्ग ने इस साल के जनवरी में अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों को ओवरवैल्यूड बताया था. गौतम अडानी ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट गलत सूचना और बेबुनियाद आरोपों का कॉम्बिनेशन थी. 

Advertisement
गौतम अडानी का हिंडनबर्ग पर पलटवार. गौतम अडानी का हिंडनबर्ग पर पलटवार.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) ने अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिडनबर्ग (Hindenburg) पर जोरदार प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि हमें नुकसान पहुंचाने के मकसद से हिंडनबर्ग ने हमारे ऊपर अपनी रिपोर्ट में गलत और बेबुनियाद आरोप लगाए थे. 

उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट गलत सूचना और बेबुनियाद आरोपों का कॉम्बिनेशन थी. उनमें से अधिकांश 2004 से 2015 के बीच के हैं. यह रिपोर्ट एक जानबूझकर और दुर्भावना से प्रेरित थी, जिसका उद्देश्य हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था.

Advertisement

जनवरी में आई थी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट

बता दें कि हिंडनबर्ग ने इस साल के जनवरी में अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों को ओवरवैल्यूड बताया था और ये भी आरोप लगाए थे कि शेल कंपनियों के जरिए अडानी ग्रुप ने अकाउंट में हेरफेर किया है. 

2023 की समूह की वार्षिक आम बैठक में बोलते हुए गौतम अडानी ने कहा कि अडानी समूह की छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट जारी की थी. उन्होंने ये भी कहा कि रिपोर्ट का उद्देश्य समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ स्टॉक की कीमतों को कम करके मुनाफा कमाना भी था. 

Advertisement

गौतम अडानी ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आने के तुरंत बाद हमने इसे खारिज कर दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया. रिपोर्ट मई 2023 में सार्वजनिक की गई और विशेषज्ञ समिति को कोई नियामक गड़बड़ी नहीं मिली. 

20 हजार करोड़ का FPO लिया था वापस

गौतम अडानी ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद पूरी तरह से सब्सक्राइब्ड एफपीओ के बावजूद हमनें निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए पैसा लौटाने का फैसला किया. बता दें कि 27 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का FPO जारी किया था और फिर फुल सब्सक्राइब होने के बाद इसे अचानक वापस ले लिया था. 20 हजार करोड़ के FPO को वापस लेकर कंपनी ने सभी निवेशकों के पैसे वापस लौटा दिए थे.

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी तीखी रिपोर्ट में अदानी समूह पर एकाउंट फ्रॉड और स्टॉक वैल्यू में हेरफेर का आरोप लगाया था. इससे अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी, जिससे समूह का मार्केट वैल्यू सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था और इसमें लगभग 145 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी.

 FPO  क्या होता है?

दरअसल, किसी कंपनी के लिए पैसे जुटाने का एक तरीका होता है. जो कंपनी पहले से शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है, वो इन्वेस्टर्स के लिए नए शेयर ऑफर करती है. जो कंपनी पहले से शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है, वो इन्वेस्टर्स के लिए नए शेयर ऑफर करती है. ये शेयर बाजार में मौजूद शेयरों से अलग होते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement