6 महीने में 50% टूटा... 3 रुपये का है शेयर, अब इसे खरीदने की रेस में सबसे आगे अडानी!

जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने की रेस में सबसे आगे अडानी ग्रुप है. इस कंपनी का शेयर आज 5 फीसदी लोअर सर्किट के साथ 3.07 रुपये पर बंद हुआ. यह शेयर 6 महीने में 50 फीसदी टूट चुका है.

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जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने की रेस में सबसे आगे अडानी जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने की रेस में सबसे आगे अडानी

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 05 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:23 AM IST

दिवालिया हो चुकी कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स (JP Associates) को खरीदने की रेस में अडानी ग्रुप सबसे आगे है. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जेपी एसोसिएट्स इस समय दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है और गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाले समूह ने इसे खरीदने के लिए 12,500 करोड़ रुपये की बोली लगाई है. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि Adani Group ने बिना किसी पूर्व शर्त के 8000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का एडवांस अमाउंट पेमेंट करने का प्रस्‍ताव रखा है. हालांकि डालमिया ग्रुप से अडानी ग्रुप का चुनौती मिल सकती है, जो अभी जेपी स्‍पोट्स सिटी प्रोजेक्‍ट को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहा है. यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है. इन सभी खबरों के बीच जेपी एसोसिएट्स के शेयरों में 5 फीसदी का लोअर सर्किट लगा और यह 3.07 रुपये प्रति शेयर पर आ गया. 

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6 महीने में 51 फीसदी गिरा शेयर 
इस कंपनी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 750 करोड़ से अधिक है. शेयर में एक साल पहले 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर 10.60 रुपये से 71 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. पिछले 6 महीनों में शेयर में 51 प्रतिशत की गिरावट आई है. 

रेस में बड़ी-बड़ी कंपनियां
सूत्रों के अनुसार, नेशनल एसेट रिकंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) की अगुआई वाली लेनदारों की समिति (CoC) आने वाले सप्‍ताह में जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के लिए समाधान आवेदकों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है.  समाधान योजना के तहत अप्‍लाई करने वालों में अडानी ग्रुप, डालमिया भारत ग्रुप, पीएनसी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, वेदांता और जिंदल स्‍टील एंड पावर शामिल हैं. 

इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा और सीमेंट सेक्‍टर में अपने विस्तार के लिए मशहूर अडानी ग्रुप खासतौर से जेएएल की सीमेंट और रियल एस्टेट परिसंपत्तियों में रुचि रखता है. यह अडानी की उच्च-विकास वाले मार्केट, विशेष रूप से सीमेंट उद्योग में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की रणनीति के अनुरूप है. 

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कंपनी के लिया महत्‍वपूर्ण है ये प्रक्रिया 
दिवालियापन की कार्यवाही JAL के लिए एक महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि यह भारी कर्ज और परिचालन बाधाओं से जूझ रही है. कंपनी के दिवालियापन सॉल्‍यूशंस से बैंकों और वित्तीय संस्थानों समेत इसके लेनदारों को बड़ी राहत मिलने की उम्‍मीद है. साथ ही कंपनी के पुनर्गठन और परिचालन पुनरुद्धार में भी मदद मिलेगी. वहीं एक अलग फैसले में कंपनी को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा नई दिल्ली के पास जेएएल की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के लिए 1,000 हेक्टेयर भूमि आवंटन को रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा है. 

(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.) 

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