ये क्या? 12 दिन में निकाल लिए ₹17955 करोड़, थम नहीं रही विदेशी निवेशकों की बेरुखी

FPI Outflow In December: दिसंबर में शेयर बाजार कभी तेज रफ्तार से भागता हुआ नजर आया, तो कभी धड़ाम दिखाई दिया. इस बीच विदेशी निवेशकों ने भी भारतीय बाजार से पैसे निकालने का सिलसिला जारी रखा है.

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दिसंबर में जारी है विदेशी निवेशकों की बिकवाली (Photo: Pixabay) दिसंबर में जारी है विदेशी निवेशकों की बिकवाली (Photo: Pixabay)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:37 PM IST

शेयर बाजार (Stock Market) में बीते कुछ दिनों में तगड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, तो वहीं बाजार की चाल ने विदेशी निवेशकों का मूड खराब कर दिया है, यही कारण है कि एफपीआई (FPI) लगातार भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं.

सिर्फ दिसंबर 2025 का ही डेटा देखें, तो नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक, महीने के सिर्फ 12 दिन में ही अब तक करीब 18000 करोड़ रुपये की निकासी की गई है. हालांकि, विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बीच भी घरेलू निवेशक ताबड़तोड़ खरीदारी करते नजर आ रहे हैं.  

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2025 में अब तक 1.6 लाख करोड़ साफ
साल के आखिरी दिसंबर महीने के शुरुआती दो हफ्तों में शेयर मार्केट की चाल ने निवेशकों को हैरान किया है. इस बीच रुपये में गिरावट समेत अन्य कई कारणों से विदेशी निवेशकों की बेरुखी जारी है और वे लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दो हफ्ते में एफपीआई ने 17,955 करोड़ रुपये निकाले हैं. इस तगड़ी निकासी के साथ साल 2025 में अब तक कुल FPI Outflow का आंकड़ा बढ़कर करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है. 

छह महीनों में सिर्फ अक्तूबर में राहत 
विदेशी निवेशकों की बिकवाली नई नहीं है, बल्कि ये सिलसिला अक्टूबर महीने को छोड़ बीते जुलाई महीने से लगातार जारी नजर आया है. पिछले कुछ महीनों में निकासी देखें तो, जुलाई में 17,700, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपये, सितंबर में 23,885 करोड़ रुपये बाजार से बाहर निकले. हालांकि, अक्टूबर महीने में एफपीआई ने 14,610 करोड़ का भारतीय बाजार में डाले थे. वहीं एक महीने की राहत के बाद नवंबर महीने में फिर विदेशी निवेशकों ने 3,765 करोड़ की बिकवाली की थी और दिसंबर में अब तक 17955 करोड़ रुपये निकाले गए हैं. 

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क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट? 
मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें, तो विदेशी निवेशकों की बेरुखी के पीछे एक नहीं बल्कि कई वजह हैं. इनमें बीते कुछ दिनों में भारतीय करेंसी रुपया (Indian Rupee) में आई तेज गिरावट, शेयरों की हाई वैल्यूएशन सबसे ऊपर है. रिपोर्ट में मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के प्रिंसिपल मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव के हवाले से कहा गया कि भारत के तुलनात्मक रूप से ज्यादा इक्विटी वैल्यूएशन ने निवेशकों को दूसरे उभरते हुए बाजारों की तुलना में कम आकर्षक बनाने का काम किया है. 

घरेलू निवेशकों जमकर लगा रहे पैसा 
जहां एक ओर विदेशी निवेशक लगातार Indian Markets से पैसे निकाल रहे हैं, तो वहीं घरेलू निवेशकों (DII)जमकर खरीदारी करते हुए दिख रहे हैं. इसके चलते भारी एफपीआई बिकवाली के बीच बाजार को सपोर्ट मिल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर के इन दो हफ्तों में DII ने करीब 39,965 करोड़ रुपये का निवेश किया है. बीते शुक्रवार को BSE Sensex 449 अंक की तेजी लेकर 85,267 रुपये पर क्लोज हुआ था, जबकि NSE Nifty 148 अंक की बढ़त के साथ 26,046 पर बंद हुआ था. 

(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)

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