सोना और चांदी की कीमतों (Gold-Silver Rates) में भले ही बीते कुछ दिनों में गिरावट का सिलसिला देखने को मिला हो, लेकिन सालभर में इन कीमती धातुओं ने तूफानी रफ्तार से भागते हुए ताबड़तोड़ रिटर्न दिया है. यही नहीं 2025 में तो हर रोज गोल्ड-सिल्वर ने नए रिकॉर्ड बनाते हुए सभी को चौंकाया है. Gold-Silver के सालभर के रिटर्न और निवेशकों के झुकाव और जुनून को लेकर एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा है कि, 'आज हर कोई सिर्फ इनके ही पीछे भाग रहा है.'
गोल्ड-सिल्वर रिटर्न पर बात
ऐसे समय में जबकि रिटेल इन्वेस्टर्स एक साल के रिटर्न चार्ट और सोशल मीडिया पर होने वाली चर्चाओं से एकदम चिपके हुए हैं. इस बीच एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ Radhika Gupta ने Gold-Silver Return के प्रति निवेशकों के जूनून को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने निवेशकों की गलतियों पर नहीं, बल्कि फाइनेंशियल इकोसिस्टम के सामूहिक पूर्वाग्रहों पर फोकस किया. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि, 'जब कोई मुझसे निवेशकों के पूर्वाग्रह के बारे में पूछता है, तो मुझे बहुत बुरा लगता है. हम मंच पर बैठकर निवेशकों की आलोचना करते हैं, लेकिन वही पूर्वाग्रह हम सभी में मौजूद होते हैं.'
अपने फंड हाउस का दिया उदाहरण
राधिका गुप्ता ने कहा कि अब कोई भी इक्विटी या डेट की बात नहीं कर रहा है, हर कोई एक ही चीज के पीछे भाग रहा है सोना और चांदी. उन्होंने इन कीमती धातुओं के सालाना रिटर्न के प्रति जुनून को लेकर कहा कि यह चलन WhatsApp ग्रुप्स, परफॉर्मेंस डैशबोर्ड और मीडिया हेडलाइंस से प्रेरित है. उदाहरण के लिए उन्होंने अपने फंड हाउस के उस प्रोडक्ट का एक्सपीरियंस शेयर किया, जिसके लॉन्च होते ही उसे खारिज कर दिया गया था.
उन्होंने कहा कि, 'तीन साल पहले हमने 50-50 गोल्ड और सिल्वर फंड (50-50 Gold Silver Fund) लॉन्च किया था. सच कहूं तो, यह एक बेतुका उत्पाद लगा था, रिटर्न इतने खराब लग रहे थे कि मेरी टीम उन्हें प्रेजेंटेशन में भी शामिल नहीं करना चाहती थी.' एडलवाइस के इस फंड को सीईओ राधिका गुप्ता के जन्मदिन पर 2022 में लॉन्च किया गया था, इसमें महज 12 करोड़ रुपये जमा किए गए. Radhika Gupta के मुताबिक, हमने इसकी मार्केटिंग नहीं की, फिर भी आज इसे रोजाना 25 करोड़ रुपये मिल रहे हैं. आप इसकी मांग नहीं कर रहे हैं, ये आपका झुकाव है. इसके पीछे कारण है कि इसका सालाना रिटर्न 67.5% रहा है.
पहले नकारा, अब धातुओं में SIP की भी डिमांड
Gold-Silver में बढ़ती दिलचस्पी और रिटर्न को लेकर उन्होंने निवेशकों को आगाह किया कि सबसे समझदारी भरा कदम यह नहीं है कि आप क्या पसंद करते हैं, बल्कि यह है कि आप वह पहचानें जिसे बाकी लोग नजरअंदाज़ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में ही मुझे प्लैटिनम और कॉपर एसआईपी (SIP) शुरू करने के लिए 15 ईमेल मिले हैं, लेकिन तीन साल पहले, इन धातुओं की किसी को परवाह नहीं थी. उस समय चांदी को औद्योगिक कचरा माना जाता था, तो सोने को खरीदने वाले भी कम थे.
आजतक बिजनेस डेस्क