अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पुराने व्यापार कानून का यूज करके नया टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं. वॉल स्ट्रीट जर्नल में कहा गया है कि आयात होने वाले समानों पर अस्थायी तौर पर टैरिफ लागू करने की तैयारी हो रही है. यह टैरिफ 150 दिनों के लिए 15 फीसदी का हो सकता है. अगर ये टैरिफ (Trump Tariff) लागू होता है तो दुनिया भर के सामानों पर असर होगा और महंगाई बढ़ जाएगी.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन अगर उपाय अपनाया जाता है तो कानूनी अनिश्चितता के बीच टैरिफ पॉलिसी को फिर से लागू करने का एक नया प्रयास होगा. यह कानून अमेरिकी सरकार को कांग्रेस की मंजूरी के बिना अस्थायी टैरिफ लगाने की अनुमति देता है, जो रेट और टाइम पीरियड दोनों को लिमिटेड रखता है.
जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का प्रशासन मौजूदा कानून के तहत वैश्विक अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से पर टैरिफ लगाने के लिए एक अस्थायी प्रयास पर विचार कर रहा है, जिसमें 150 दिनों के लिए 15% तक टैरिफ लगाने की अनुमति दी जा सकती है.' यह रणनीति पूरी तरह से नई नहीं है. हाल ही में कानूनी चुनौतियों के बाद व्यापार शुल्क के प्रति ट्रंप के नजरिए को रोकने के बाद विचार किया जा रहा है.
प्लान 'B' तैयार कर रहे हैं ट्रंप
न्यूयॉर्क के फेडरल कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद ट्रंप की टीम ने प्लान बी के तौर पर यह रास्ता निकाला है. हालांकि अपील कोर्ट ने ट्रंप को इमरजेंसी पावर के तहत फिर से टैरिफ लगाने की अनुमति दी है यानी ट्रंप का टैरिफ बहाल हो चुका है. इसके बावजूद ट्रंप सरकार प्लान बी पर काम कर रही है, ताकि अगर भविष्य में कोई परेशानी आए तो 150 दिन वाली अस्थायी टैरिफ लागू की जा सके. ये जानकारी द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में दी गई है.
क्या है संभावित रणनीति?
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी दो खास चीजों पर काम कर रहे हैं.
व्यापक-आधारित टैरिफ: 1974 के व्यापार अधिनियम की एक धारा का उपयोग करके अंतर्राष्ट्रीय बाजारों पर 150 दिनों के लिए 15% तक के टैरिफ लागू करना. 150 दिनों से अधिक किसी भी विस्तार के लिए कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता होगी.
देश-विशेष टैरिफ: अनुचित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार करने वाले देशों के खिलाफ, एक ही कानून के एक अलग खंड के तहत अलग टैरिफ लागू करना.
आजतक बिजनेस डेस्क