कपड़े-जूते से कार-बाइक तक... अभी किसपर कितना GST? ये चीजें होने वाली हैं सस्‍ती

जीएसटी को लेकर कल बड़े फैसले वाला दिन है. बहुत से आम लोगों से जुड़ी चीजों के दाम घटने वाले हैं, जिसे लेकर 15 अगस्‍त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था.

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जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन चीजों के दाम हो सकते हैं कम (Photo: File/ITG) जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन चीजों के दाम हो सकते हैं कम (Photo: File/ITG)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 03 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:40 PM IST

जीएसटी काउंसिल की बैठक आज शुरू हो चुकी है और कल इसपर बड़ा फैसला आने वाला है. सरकार ने प्रस्‍ताव रखा है कि जीएसटी के मौजूदा 4 टैक्‍स स्‍लैब को घटाकर 2 स्‍लैब में किया जाए. वहीं कुछ प्रोडक्‍ट्स पर टैक्‍स को बढ़ाने का भी जिक्र किया गया है. अगर सरकार के इस प्रस्‍ताव की काउंसिल द्वारा मंजूरी मिलती है तो बहुत से चीजों के दाम में भारी कटौती होगी. 

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दरअसल, 15 अगस्‍त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से नए जीएसटी रिफॉर्म का ऐलान किया था. उन्‍होंने कहा था कि इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. जबकि उसी दौरान वित्त मंत्रालय की ओर से जीएसटी स्‍लैब में कटौती का प्रस्‍ताव रखा गया था. इस ऐलान के बाद पहली बार जीएसटी काउंसिल की बैठक हो रही है और इसमें जीएसटी स्‍लैब में कटौती पर मुहर लग सकती है, जिसे दिवाली से लागू किया जा सकता है. 

GST के तहत अभी चार स्‍लैब 5%, 12%, 18% और 28% है, जो काउंसिल के फैसले के बाद दो स्‍लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी में बदल सकता है. ऐसे में कपड़े, जूते, एसी, टीवी और कार-बाइक समेत तमाम चीजों के रेट घट जाएंगे. हालांकि उससे पहले हम ये जान लेते हैं कि कौन से प्रोडक्‍ट्स किस स्‍लैब में आ रहे हैं, जिसके बाद ये समझना आसान हो जाएगा कि कौन सी चीजें सस्‍ती हो सकती हैं? 

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किन चीजों पर कितना जीएसटी

12-28% स्‍लैब में आने वाली ये चीजें हो जाएंगी सस्‍ती

  • घी, मक्खन, चीज, पनीर जैसे उत्‍पाद 
  • पैक्ड फ्रोजन सब्जि‍यां, नमकीन, बिस्‍कुट और अन्‍य 
  • फ्रूट जूस (अधिकतर, नॉन-एरेटेड)
  • छाता, कपड़े और जूते
  • सोलर वॉटर हीटर
  • कृषि उपकरण 
  • एयर कंडीशनर
  • सीमेंट, पेंट, टाइल्‍स
  • कार/एसयूवी

हेल्‍थ और लाइफ इंश्‍योरेंस को जीएसटी से छूट
प्रस्‍ताव है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी से हटा देना चाहिए, यानी 0 फीसदी टैक्‍स लगाया जाना चाहिए. हालांकि इससे राजस्‍व में गिरावट और इससे एक नुमान के मुताबिक, सालाना 9,700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है. 

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