बड़ा खुलासा: कभी HDFC को खरीदना चाहता था ICICI बैंक, चंदा कोचर ने रखा था प्रस्‍ताव, लेकिन...

पारेख ने कोचर से उनके चैनल पर एक बातचीत के दौरान ये जानकारी देते हुए खुलासा किया है. उन्‍होंने कहा कि मुझे याद है कि आपने (चंदा कोचर) एक बार मुझसे बात की थी. मुझे ये बात बहुत अच्‍छी तरह से आज भी याद है.

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एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 21 जून 2025,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

HDFC के पूर्व चेयरमैन दीपक पारेख ने एक बड़ा खुलासा किया है, जिसे लेकर यह बात अभी तक सामने नहीं आई थी. उन्‍होंने बताया है कि ICICI बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर ने उनके सामने एक बड़ा प्रस्‍ताव रखा था, जिसमें उन्होंने HDFC के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय से काफी पहले ही आईसीआईसीआई बैंक में शामिल होने का प्रस्‍ताव रखा था. 

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पारेख ने कोचर से उनके चैनल पर एक बातचीत के दौरान ये जानकारी देते हुए खुलासा किया है. उन्‍होंने कहा कि मुझे याद है कि आपने (चंदा कोचर) एक बार मुझसे बात की थी. मुझे ये बात बहुत अच्‍छी तरह से आज भी याद है. इस बारे में पब्लिक तौर पर कभी बात नहीं हुई, लेकिन मैं अब इसे लेकर पूरी जानकारी शेयर करने के लिए तैयार हूं. 

पारेख ने खोला बड़ा राज! 
चंदा कोचर से बोलते हुए उन्‍होंने आगे कहा, 'आपने कहा कि ICICI ने HDFC की शुरुआत की. आप घर वापस क्‍यों नहीं आते? यही आपका प्रस्‍ताव था.' पारेख ने कहा कि उन्‍होंने इसे ठुकरा दिया और HDFC की ब्रांड पहचान और बैंकिंग स्‍ट्रक्‍चर को देखते हुए इसे 'अनुचित' बताया. उन्‍होंने कहा कि HDFC-HDFC Bank का विलय, जो जुलाई 2023 में अंतिम रूप दिया गया, वह कॉर्पोरेट महत्‍वाकांक्षा से नहीं बल्कि नियामकीय दबाव से प्ररिेत है. 

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RBI ने की हमारी बड़ी मदद
भारतीय रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी जैसी बड़ी NBFC, जिसका असेट 5 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का है, उसे एक सिस्‍टमैटिक तरीके से क्‍लासिफाइड किया है. पारेख ने कहा कि RBI ने हमारा समर्थन किया और उन्‍होंने हमें कुद हद तक सपोर्ट किया और मदद की. फिर भी उन्‍होंने जोर देकर कहा, 'कोई रियायत नहीं दी गई, कोई राहत नहीं दी गई, कोई समय नहीं दिया गया और कुछ भी राहत नहीं दी गई. 

पूरी तरह गुप्‍त थी ये डील
उन्‍होंने बताया कि एचडीएफसी का विलय एचडीएफसी बैंक के साथ विलय की बात गुप्‍त रखी गई थी, किसी को भी इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था. जब सुबह न्‍यूज में छपा तो सभी को पता चला. सरकार को पता था, क्‍योंकि RBI उनके संपर्क में था और हमने इसे बहुत गोपनीय रखा. हमने सिर्फ वकील, उचित परिश्रम, एकाउंटेंट तक ही बात रखी गई थी. 

भारत के लिए अच्‍छा कदम
पारेख ने कहा कि जिस दिन इसका विलय पूरा हुआ वह 'एक दुखद दिन और एक खुशी का दिन' था. HDFC के एक स्वतंत्र यूनिट के तौर पर इसका अंत हुआ, लेकिन यह कदम भारत के लिए विश्‍व स्‍तर का बैंक बनाने के लिए बड़ा कदम था. उन्‍होंने कहा कि देखें चीनी बैंक कितने बड़े हैं, हमें उनके जैसा बैंक बनाना है. 

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उन्‍होंने चेतावनी दी कि भारतीय बैंकों को कम्‍पटीटर बने रहने के लिए विलय के साथ आगे बढ़ना ज्‍यादा जरूरी है. उन्होंने बीमा सेक्‍टर पर भी खुलकर बात की और इसे 'अंडररेटेड' बताया. बैंकों पर उच्च अग्रिम कमीशन के लालच में गलत तरीके से पॉलिसियां ​​बेचने का आरोप लगाया. 

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