जिस खजाने पर फूल रहे PAK आर्मी चीफ आसीम मुनीर, जानिए उस Reko Diq खदान में कितना सोना?

Pakistan के आर्मी चीफ Asim Munir का कहना है कि पाकिस्तान खजाने पर बैठा हुआ है और ये खजाना है बलूचिस्तान में मौजूद रेको दिक खदान, जिसमें 1995 में खुदाई शुरू की गई थी, लेकिन फिर ये विवाद में फंस गई और खनन पर भी ब्रेक लग गया.

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दुनिया के सबसे बड़े अविकसित सोने-तांबे के भंडारों में से एक है रेको दिक (Photo: ISPR Pakistan/File) दुनिया के सबसे बड़े अविकसित सोने-तांबे के भंडारों में से एक है रेको दिक (Photo: ISPR Pakistan/File)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST

पाकिस्तान ने बड़ा आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) झेला है और IMF से लेकर World Bank तक से बड़ी आर्थिक मदद मिलने के बावजूद देश के हालात बदहाल बने हुए हैं. महंगाई से जनता कराह रही है, तो पाकिस्तान इकोनॉमी पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता ही जा रहा है. लेकिन इस बीच बीते दिनों पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसीम मुनीर (Asim Munir) ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि 'हम जल्द देश पर कर्ज का बोझ कम कर लेंगे और दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में एक बन जाएंगे.' अपने इस बयान के दौरान उन्होंने एक खजाने का जिक्र किया, जो बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद Reko Diq गोल्ड माइन है. आइए जानते हैं कैसे ये पाकिस्तान के दिन बदल सकती है?  

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किस खजाने पर इतरा रहे आसिम मुनीर
सबसे पहले नजर डालते हैं पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसीम मुनीर के बयान पर, जो उन्होंने पाकिस्तानी जंग मीडिया ग्रुप को दिए एक इंटरव्यू के दौरान दिया और इसमें उन्होंने तमाम बड़े दावे किए हैं. मुनीर ने कहा कि Pakistan दुर्लभ खनिजों के भंडार पर बैठा हुआ है, हम जल्द ही अपना कर्ज कम कर देंगे और दुनिया के सबसे समृद्ध समाजों में से एक बन जाएंगे. उन्होंने बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद रेको दिक खदान को एक खजाना करार दिया और बताया कि अगले साल से हम कम से कम 2 अरब डॉलर प्रतिवर्ष उत्पादन शुरू कर देंगे. उन्होंने एक और बड़ा दावा किया कि चीन अगर इसमें शामिल रहता है, तो यह परियोजना अरबों डॉलर कमाएगी, जिससे राष्ट्रीय कर्ज को खत्म किया जा सकेगा. 

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PAK को संकट से उबार सकती है रेको दिन
अब बड़ा सवाल ये कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसीम मुनीर (Pakistan Army Chief Asim Munir) को क्यों लगता है कि पाकिस्तान का भविष्य बलूचिस्तान की इस रेको दिक खदान (Reko Diq) में दफन है और इसके जरिए न सिर्फ बदहाल पाक की कंगाली दूर हो सकती है, बल्कि वो अमीर देशों की लिस्ट में शामिल हो सकता है? तो इस खदान के बारे में विस्तार से जान लेना जरूरी है.

आर्थिक बदहाली के शिकार पाकिस्तान के बलूच प्रांत में सोने और तांबे की कई खदानें मौजूद हैं, जिनके जरिए झटके में इकोनॉमी को बूस्ट मिल सकता है. रिपोर्ट्स की मानें, तो यहां मौजूद इन खानों में सैकड़ों टन Gold-Copper भरा पड़ा है. इनमें सबसे बड़ी है रेको दिन खदान, जिसका दोहन पाकिस्तान को संकट से उबारने वाला साबित हो सकता है. हालांकि, इस खजाने के बारे में पता होने के बावजूद पाकिस्तान इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. 

करोड़ों टन सोने-तांबे का भंडार
रायटर्स की एक पुरानी रिपोर्ट की मानें तो Pakistan का बलूचिस्‍तान वह हिस्‍सा है जो प्राकृतिक संसाधनों के लिहाज से काफी समृद्ध माना जाता है और यहां के चगाई जिले के रेको दिक में स्थित Reko Diq के रूप में एक बेहद महत्वपूर्ण एसेट मौजूद है. ये ईरान और अफगानिस्तान से जुड़ी सीमा के पास एक सुप्त ज्वालामुखी के पास स्थित है और इसमें करोड़ों टन सोने-तांबे का भंडार है. रिपोर्ट में जताए गए अनुमान के अनुसार, इसमें करीब 590 करोड़ टन का खनिज भंडार है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि यहां प्रति टन खनिज भंडार में करीब 0.22 ग्राम सोना और करीब 0.41 फीसदी तांबा मिल सकता है. 

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1995 में खुदाई शुरू, 2011 में लगा ब्रेक
करीब 35 साल पहले 1995 में रेको दिक में पहली बार खुदाई की शुरुआत की गई थी और शुरुआती चार महीने में ही यहां से 200 किलोग्राम सोना और 1700 टन तांबा निकाला गया था. उस समय एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई थी कि खान में 40 करोड़ टन सोना मौजूद हो सकता है. इस खदान में मौजूद सोने की अनुमानित कीमत करीब 2 ट्रिलियन डॉलर बताई गई थी.

ब्लूमबर्ग की मार्च 2022 में आई एक रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान की रेको दिक दुनिया में सबसे बड़े अविकसित तांबे और सोने के भंडार में से एक है, जो आधी शताब्दी से अधिक समय तक 2,00,000 टन तांबे और 2,50,000 औंस सोने का उत्पादन करने में सक्षम है. साल 2011 में Reko Diq खनन परियोजना को सस्पेंड कर दिया गया था, क्योंकि पाकिस्तान ने बैरिक और एंटोफगास्टा पीएलसी को इसे विकसित करने के लिए एक लाइसेंस देने से इनकार कर दिया था. तब से लगातार इस पर विवाद जारी है. 

बैरिक गोल्ड और सरकारों के पास हिस्सेदारी 
फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, रेको दिक परियोजना का स्वामित्व पाकिस्तान की संघीय और प्रांतीय सरकारों के साथ-साथ कनाडा स्थित बैरिक गोल्ड के पास है. इसका 50% हिस्सा बैरिक गोल्ड के पास है, जबकि शेष 50% हिस्सा पाकिस्तान और बलूचिस्तान की सरकारों के बीच बंटा हुआ है.

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बीते कुछ सालों में इस खदान में खनन शुरू किए जाने को लेकर तमाम रिपोर्ट्स सामने आई हैं, दिसंबर 2022 में बलूचिस्तान में अरबों डॉलर की विवादित रेको डिक कॉपर एंड गोल्ड माइन प्रोजेक्ट पीएम शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है. इसके बाद बीते साल 2024 में द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में बताया गया कि सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) ने रेको डिक माइनिंग प्रोजेक्ट में 15% हिस्सेदारी खरीदने में रुचि जताई है.

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