कौन हैं सम्राट चौधरी, जो नीतीश कुमार के साथ संभालेंगे डिप्टी CM का पद, राबड़ी देवी सरकार में रह चुके हैं मंत्री

बिहार में एक बार फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. नीतीश अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. अब जो सरकार बनने जा रही है, उसमें भाजपा की ओर से दो डिप्टी सीएम तय किए गए हैं. इनमें सम्राट चौधरी का भी नाम शामिल है.

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सम्राट चौधरी और नीतीश कुमार. सम्राट चौधरी और नीतीश कुमार.

aajtak.in

  • पटना,
  • 28 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

Bihar Politics: बिहार में एनडीए गठबंधन वाली नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम को होगा. इस बीच बीजेपी नेता सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उप-मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. विधायक दल की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. अब राज्य में भाजपा के दो उपमुख्यमंत्री होंगे. बिहार भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा के नाम तय किए गए हैं.

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यह घटनाक्रम तब हुआ, जब बिहार के विधायकों ने विधायक दल की बैठक के दौरान सर्वसम्मति से भाजपा, जेडीयू और अन्य सहयोगियों के साथ राज्य में एनडीए सरकार बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया. सम्राट चौधरी को जहां विधायक दल का नेता चुना गया, वहीं विजय सिन्हा को उपनेता चुना गया है. नीतीश कुमार के इस्तीफे से पहले भाजपा ने पुष्टि की कि वह नीतीश की जदयू और अन्य सहयोगियों के साथ राज्य में सरकार बनाएगी.

सम्राट चौधरी 54 साल के हैं. वे कोइरी (कुशवाहा) समाज से आते हैं. सम्राट चौधरी ने 27 मार्च 2023 को औपचारिक रूप से बिहार के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था. बिहार विधान परिषद में भाजपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं. वे बिहार के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से हैं.

छह साल पहले भाजपा में शामिल हुए थे सम्राट चौधरी

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बिहार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने के कदम को लव (कुर्मी) और कुश (कुशवाहा) वोटों को साधने के प्रयास के रूप में देखा गया. चौधरी 6 साल पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. वे पहले लालू प्रसाद की राजद और नीतीश कुमार की जदयू दोनों से जुड़े रहे.

साल 2017 तक वह भाजपा में शामिल हो गए, जो कुछ ही समय बाद नीतीश कुमार के साथ जुड़ गई. चौधरी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पिछली एनडीए सरकार के दौरान पंचायती राज मंत्री के रूप में भी कार्य किया.

साल 1999 में शुरू हुआ था सम्राट चौधरी का राजनीतिक करियर

परबत्ता से बिहार विधानसभा में उनके दो कार्यकाल रहे हैं. वह राबड़ी देवी सरकार में मंत्री भी रहे. उनका राजनीतिक करियर साल 1999 में शुरू हुआ. साल 2014 में लोकसभा चुनाव में जेडीयू की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सम्राट चौधरी ने राजद छोड़ दिया और जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल में शामिल हो गए. उनके के पिता अनुभवी राजनीतिज्ञ शकुनी चौधरी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे.

शकुनी चौधरी खगड़िया से कई बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा वह समता पार्टी के संस्थापक सदस्य भी रहे, जिससे मूल रूप से नीतीश कुमार जुड़े थे. सम्राट चौधरी की मां पार्वती देवी भी तारपुर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.

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बिहार में नई सरकार को लेकर क्या बोले सम्राट चौधरी

राज्य भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी ने कहा कि भाजपा ने ऐतिहासिक काम किया. मुझे विधायक दल का नेता चुना जाना और सरकार का हिस्सा बनना मेरे लिए एक भावनात्मक क्षण है. चौधरी ने कहा कि साल 2020 में जो जनादेश हमें बिहार के विकास और लालू यादव के आतंक को खत्म करने के लिए मिला था, जब बीजेपी को नीतीश कुमार से यह सुनिश्चित करने का प्रस्ताव मिला कि बिहार में कोई जंगल राज न हो तो हमने इसका समर्थन करने का फैसला किया.

BJP ने बिहार में किया है बड़ा बदलाव

इंडिया टुडे के मुताबिक, BJP ने इस बार बिहार में बड़ा बदलाव किया है. पिछली बार BJP ने पिछड़ी जाति से आने वाले तारकेश्वर प्रसाद और रेणु देवी को डिप्टी बनाया था. वहीं इस बार भूमिहार समुदाय से आने वाले विजय सिन्हा और पिछड़ी जाति से आने वाले सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाए जाने की घोषणा हुई है.

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