बिहार के रोहतास जिला के सासाराम से बड़ी खबर सामने आई है. नासरीगंज थाना क्षेत्र के बड़ीहा गांव के रेड लाइट एरिया से पुलिस ने 17 लड़कियों को रेस्क्यू किया है. इन 17 लड़कियों में से 10 छत्तीसगढ़ की हैं, जबकि बाकी सात बिहार के विभिन्न जिलों की हैं. जानकारी के अनुसार, इन लड़कियों को शादी-विवाह के सीजन में नाच पार्टी में काम कराने के लिए विभिन्न राज्यों से लाया गया था.
शादी-विवाह के समय कई नाच पार्टी होती हैं
पुलिस के अनुसार, रोहतास जिले में शादी-विवाह के समय कई नाच पार्टी संचालित होती हैं, जिनमें अन्य राज्यों से डांसर को बुलाया जाता है. इस बार भी गुप्त सूचना मिलने के बाद नासरीगंज थाना एवं अन्य पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम ने बड़ीहा गांव में छापेमारी की और लड़कियों को सुरक्षित बरामद किया.
17 लड़कियों को छुड़ाया गया
बिक्रमगंज के एसपी संकेत कुमार ने बताया कि लड़कियों को अनैतिक कार्य में इस्तेमाल करने की जानकारी मिली थी. उन्होंने कहा, 'गुप्त सूचना के आधार पर पता चला कि बड़ीहा गांव में दूसरे राज्यों से लड़कियां लाकर नाच पार्टी में अनैतिक कार्य कराया जा रहा है. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और 17 लड़कियों को मुक्त कराया.'
रेस्क्यू के बाद लड़कियों को पहले सासाराम के सदर अस्पताल लाकर स्वास्थ्य जांच कराई गई. इसके बाद उन्हें महिला कल्याण संगठन के सुपुर्द किया गया. पुलिस ने बताया कि कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले भी पुलिस ने कई नाच पार्टी में फंसी लड़कियों को रेस्क्यू कर उनके घर पहुंचाया था. अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि इस तरह की जानकारी मिलने पर पुलिस को तुरंत सूचित करें ताकि समय रहते नाबालिग और अन्य लड़कियों को सुरक्षित किया जा सके. यह कार्रवाई शादी-विवाह के मौसम में नाच पार्टी संचालन के पीछे छुपे नेटवर्क पर पुलिस की सतर्कता और सख्ती का उदाहरण है.
क्या है दिल्ली क्राइम सीरीज?
दिल्ली क्राइम एक क्राइम-ड्रामा सीरीज है जो दिल्ली में हुए वास्तविक आपराधिक मामलों पर आधारित है.
इसमें वर्तिका चतुर्वेदी और उनकी टीम हत्याओं की कड़ी को जोड़कर अपराधियों तक पहुंचने का प्रयास करती है. इस सीज़न में पुलिस सिस्टम की चुनौतियां, सामाजिक तनाव और पुलिस टीम पर पड़े मानसिक दबाव को भी मजबूत तरीके से दर्शाया गया है. सीरीज की खासियत वास्तविक घटनाओं पर आधारित प्रामाणिकता, दमदार अभिनय, और दिल्ली पुलिस के मानवीय और कठोर दोनों पहलुओं को संवेदनशीलता से दिखाना है. इसे पुलिस प्रक्रियाओं को वास्तविक रूप में दिखाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया.
रंजन कुमार