अमेरिका में आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सफाई दे दी है. उसके बाद भी इस पर बवाल थमने का नहीं ले रहा है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब तक बीजेपी है, आरक्षण को कोई छू नहीं सकता है. वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस नेता की सफाई को गुमराह करने वाला बताया है. इस बीच राहुल गांधी को बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का साथ मिला है.
कांग्रेस नेता के बचाव में उतरे तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग संविधान और आरक्षण विरोधी हैं. राहुल गांधी कई बार आरक्षण को बचाने की बात कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी अफवाह पार्टी है. बीजेपी का मतलब है- बड़का झूठा पार्टी.
राहुल गांधी ने अपने बयान पर दी ये सफाई
कांग्रेस नेता ने कहा, "हम आरक्षण को 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाने जा रहे हैं. मैं बार-बार यह कहता रहा हूं और कभी भी आरक्षण के खिलाफ नहीं रहा हूं. कल किसी ने मेरे बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं. लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं."
कांग्रेस पर भड़कीं मायावती
राहुल गांधी की सफाई को लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती कांग्रेस पर भड़क गईं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के द्वारा देश में आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाने की बात भी छलावा है क्योंकि इस मामले में अगर इनकी नीयत साफ होती तो कांग्रेस की सरकारों में यह कार्य जरूर कर लिया गया होता. कांग्रेस ने न तो ओबीसी आरक्षण लागू किया और न ही SC/ST आरक्षण को सही से लागू किया.
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में नहीं होती है तो इन उपेक्षित SC/ST/OBC वर्गों के वोट के स्वार्थ की खातिर इनके हित व कल्याण की बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन जब सत्ता में रहती है तो इनके हितों के खिलाफ लगातार कार्य करती है. ये लोग इनके इस षडयंत्र से सजग रहें.
'जब कांग्रेस सत्ता में नहीं होती तो...', राहुल गांधी की आरक्षण पर सफाई को लेकर भड़कीं मायावती
आरक्षण को लेकर राहुल ने क्या कहा था?
अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया था. उनसे पूछा गया था कि देश में जाति के आधार पर आरक्षण कब तक जारी रहेगा? इस पर राहुल ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब देश में निष्पक्षता होगी. फिलहाल देश में ऐसी स्थितियां नहीं हैं.
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब आप वित्तीय आंकड़े देखते हैं तो पता चलता है कि आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपये मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही धनराशि मिलती है, वास्तविकता यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है. समस्या यह है कि देश के 90 फीसदी लोगों को समान अवसर नहीं मिल रहे हैं. देश के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखें. मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाएं. मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं. मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है.
जहांगीर आलम