राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विष्णुपद मंदिर में किया पिंडदान, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना

देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बिहार दौर पर गया पहुंचीं, जहां उन्होंने विष्णुपद मंदिर में 'पिंडदान’ और 'जल तर्पण' कर अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-अर्चना की. राष्ट्रपति के स्वागत के लिए राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और राज्य मंत्री प्रेम कुमार मौजूद रहे. इस अवसर पर प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं.

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बिहार दौरे पर पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Photo: X/@rashtrapatibhvn) बिहार दौरे पर पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Photo: X/@rashtrapatibhvn)

aajtak.in

  • गया,
  • 20 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:51 PM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बिहार दौरे पर गया पहुंचीं और विष्णुपद मंदिर में 'पिंडदान' और 'जल तर्पण' कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति, मोक्ष के लिए प्रार्थना की. राष्ट्रपति के गया पहुंचने पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और राज्य मंत्री प्रेम कुमार ने उनका भव्य स्वागत किया. 

विष्णुपद मंदिर में राष्ट्रपति ने की पूजा

राष्ट्रपति के स्वागत के लिए गया एयरपोर्ट पर पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू के आगमन को देखते हुए जिले में व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम किए गए थे. विष्णुपद मंदिर परिसर और उसके आस-पास के इलाकों में पुलिस बल की तैनाती के साथ सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की गई.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पितृपक्ष के दौरान विष्णुपद मंदिर में हर साल हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. धार्मिक मान्यता है कि यहां 'पिंडदान' करने से पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्राप्त होता है. इस दौरान राष्ट्रपति ने मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 'जल तर्पण' किया.

विष्णुपद मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व

गया के विष्णुपद मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है. यहां आने वाले श्रद्धालु अपने पितरों के उद्धार के लिए पारंपरिक अनुष्ठान करते हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह दौरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है बल्कि यह पितृपक्ष के अवसर पर आम जनता के लिए प्रेरणादायी संदेश देता है. 

मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार, राष्ट्रपति के आगमन के लिए सभी तैयारियां पहले से कर ली गई थीं. मंदिर परिसर को साफ-सुथरा और फूल-मालाओं से सजाया गया था. राष्ट्रपति मुर्मू का यह दौरा बिहार की संस्कृति, आस्था और परंपरा के साथ उनके जुड़ाव को भी दिखाता है.

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