बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बीच बढ़ रही दूरी के बीच नीतीश ने RJD कोटे के तीन मंत्रियों के विभाग में फेरबदल कर दिया, जिससे इस बात को बल मिल रहा है कि जनता दल यूनाइटेड (JDU)और राजद के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. दिलचस्प बात ये भी है कि नीतीश कुमार ने 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर उद्घाटन से ठीक पहले अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है. सबसे बड़ा फेरबदल शिक्षा विभाग को लेकर है. भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता को अब शिक्षा विभाग का मंत्री बनाया गया है. वहीं, ललित यादव को भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री बनाया गया है. ललित यादव अब तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मंत्री थे.
नीतीश कुमार ने विवादित शिक्षामंत्री चंद्रशेखर, जो लगातार रामचरित मानस, हिंदुत्व और धार्मिक मामलों को लेकर विवादित बयान दे रहे थे, उनका विभाग बदलकर गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बना दिया है. ये इस बात का संकेत है कि नीतीश कुमार ने उनके कद को कम कर दिया है और राजद को मैसेज दे दिया है कि बिहार में कोई बड़ा खेल जल्द खेला जा सकता है.
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सूत्रों के मुताबिक चंद्रशेखर जो यादव समाज से आते हैं, उनके लालू प्रसाद से काफी अच्छे रिश्ते हैं और नीतीश कुमार ने चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग लेकर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग दे दिया है, इससे साफ है कि बिहार में आने वाले दिनों में कोई बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है.
चंद्रशेखर ने पिछले साल जनवरी में पहले रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था और उसकी कुछ चौपाइयों का हवाला देते हुए इसे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. साथ ही मनुस्मृति को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी. इसके बाद सितंबर में चंद्रशेखर ने एक बार फिर से रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी की और उसकी तुलना पोटेशियम साइनाइड से करती थी.
दिलचस्प है कि रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने के बाद नीतीश कुमार ने खुद ऐसे बयानों से चंद्रशेखर को परहेज करने की हिदायत दी थी, लेकिन इसके बावजूद चंद्रशेखर धार्मिक मुद्दों और हिंदुत्व को लेकर विवादित टिप्पणी करते आ रहे थे. राजद कोटा के तीन मंत्रियों का विभाग बदलकर नीतीश कुमार ने स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की कि महागठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.
INDIA गठबंधन में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. नीतीश कुमार की पार्टी लगातार आरजेडी पर दबाव बना रही है कि जनवरी तक सीटों का बंटवारा हो जाना चाहिए, लेकिन दूसरी तरफ लालू प्रसाद ने साफ कह दिया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई जल्दबाजी में वह नहीं है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी नीतीश कुमार को लेकर अपने तेवर में नरमी दिखाई है और कुछ दिनों पहले उन्होंने राजस्थान में नीतीश कुमार के दोबारा एनडीए में आने की अटकलें को लेकर कहा था कि अगर कोई प्रस्ताव उनके पास आएगा तो वह उसे पर विचार करेंगे. इससे पहले अमित शाह लगातार यह कहते आए हैं कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं, लेकिन राजस्थान में जो उन्होंने बात कही. उससे ऐसा संकेत मिल रहा है कि शायद अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच कोई डील हो चुकी है और औपचारिक ऐलान बाकी है.
अमित शाह के इस बयान के बाद जनता दल यूनाइटेड ने भी अपने तेवर में नरमी दिखाई और कहा कि अमित शाह ने कभी नहीं कहा था कि जनता दल यूनाइटेड के लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं. ऐसे में नीतीश कुमार ने आरजेडी के तीन मंत्रियों का विभाग बदल कर बिहार में एक नई सियासत की शुरुआत कर दी है. अगर 25 जनवरी से पहले बिहार में कोई बड़ा खेल हो जाता है, तो शायद किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए. खबरों की मानें तो जनता दल यूनाइटेड ने अगले कुछ दिनों तक अपने सभी विधायकों को पटना में रहने के लिए कहा है. साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन मांझी ने भी अपने सभी विधायकों को 25 जनवरी तक पटना में ही रहने का निर्देश दिया है.
रोहित कुमार सिंह