बिहार में नई एनडीए सरकार बनने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट बैठक हुई. बैठक मुख्य सचिवालय में आयोजित हुई, जिसमें कुल 10 एजेंडे पर मुहर लगी. सरकार का सबसे बड़ा फोकस राज्य में उद्योगों का जाल बिछाने, निवेश बढ़ाने और युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन पर रहा.
नीतीश कुमार सरकार ने नए औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने और पुराने औद्योगिक क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी स्थापित करने की योजना पर भी तेजी से काम शुरू किया जाएगा. स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए नीति में संशोधन किया जाएगा, ताकि युवा उद्यमियों को फंडिंग, प्रशिक्षण और बाजार उपलब्ध हो सके.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर कहा कि 2020-25 के बीच 50 लाख युवाओं को नौकरी और रोजगार मिला है. अब 2025-30 तक 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है. उन्होंने बताया कि बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में काम शुरू हो चुका है. राज्य को "ग्लोबल बैक-एंड हब" और "ग्लोबल वर्कप्लेस" बनाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी फोकस
राज्य में नई चीनी मिलें लगाने और बंद पड़ी मिलों को फिर से चालू करने की नीति भी तैयार है. इसके अलावा शहरों के आधुनिक विकास के लिए बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन स्थापित किया जाएगा.
इन सभी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमिटी गठित की गई है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे. यह कमिटी छह महीने में रिपोर्ट देगी.
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बैठक में 1 से 5 दिसंबर तक बिहार विधानमंडल का सत्र बुलाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी देकर राज्यपाल को भेज दिया गया है. इसी सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण, स्पीकर का चुनाव और सरकार का विश्वास मत होगा.
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शशि भूषण कुमार