बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की करारी हार के बाद से आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में खलबली मची हुई है. पहले बेटे तेज प्रताप ने नतीजे आने पर तेजस्वी को फेलस्वी करार देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और एनडीए नेताओं की जमकर तारीफ की. अब बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार को बड़ा राजनीतिक धमाका कर दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा कर दी.
चुनाव नतीजों में एनडीए ने भारी जीत दर्ज करते हुए 202 सीटें हासिल की थीं, जबकि महागठबंधन 35 सीटों पर सिमट गया.
रोहिणी ने अपने बयान में चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि संजय यादव और रमीज ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा था और अब वह सारी गलती और सारे आरोप अपने ऊपर ले रही हैं. रोहिणी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं. संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं.”
पार्टी या परिवार की ओर से अब तक इस पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन RJD खेमे में इस पोस्ट को लेकर चर्चा तेज है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक संजय यादव आरजेडी से राज्यसभा सांसद हैं और तेजस्वी यादव के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं. वहीं रमीज, तेजस्वी के पुराने दोस्त बताए जाते हैं जो पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं.
रोहिणी ने 2022 में लालू यादव को डोनेट की थी किडनी
बता दें कि रोहिणी आचार्य ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को पांच दिसंबर 2022 को किडनी दान की थी. यह ट्रांसप्लांट सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में सफलतापूर्वक हुआ था. इसके बाद उनकी देशभर में जमकर तारीफ हुई थी. रोहिणी अपने परिवार के साथ सिंगापुर में ही रहती हैं. फिलहाल वह चुनाव के चलते बिहार आई हुई थीं और अपने भाई तेजस्वी के लिए प्रचार कर रही थीं. रोहिणी 2024 लोकसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
कौन हैं संजय यादव
रोहिणी ने अपनी पोस्ट में जिन संजय यादव का जिक्र किया है वो तेजस्वी यादव के सलाहकार और आरजेडी से राज्यसभा सांसद हैं. चुनाव से पहले एक वायरल फोटो में संजय को तेजस्वी की 'बिहार अधिकार यात्रा' की बस में फ्रंट सीट पर बैठे दिखाया गया था, जिसे रोहिणी ने 'अपमान' बताया था. उन्होंने इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा कर लिखा था कि यह सीट पार्टी के सर्वोच्च नेता की होती है. अगर कोई अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है तो अलग बात है.
इसके बाद सोशल मीडिया पर रोहिणी आचार्य को लेकर तरह-तरह की ट्रोलिंग शुरू हो गई थी. कई लोगों ने दावा किया था कि रोहिणी ने लालू यादव को किडनी नहीं दी. वहीं कई लोगों ने कहा था कि रोहिणी यादव पार्टी में पद चाहती हैं. आलोचनाओं के बाद रोहिणी यादव ने संजय को 'जयचंद' कहते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर RJD नेताओं (तेजस्वी, लालू समेत) को अनफॉलो कर दिया था. माना जा रहा था कि तब से ही परिवार में ठनी हुई थी.
बता दें कि तेज प्रताप भी संजय यादव को 'जयचंद' बताकर निशाना साधते रहे हैं. वह आरोप लगाते रहे हैं कि संजय यादव के कहने पर ही तेजस्वी यादव ने उन्हें आरजेडी से निष्कासित कराया.
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