IAS संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, रेप पीड़ित महिला से ED ने की पूछताछ

1997 बैच के आईएएस अधिकारी हंस उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन पर और आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर गैंगरेप का आरोप लगा था. पटना एसएसपी राजीव मिश्रा द्वारा अपनी पर्यवेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ईडी ने मामले की जांच शुरू की, जिसमें स्पष्ट रूप से बड़े स्तर पर पैसे के लेन-देन का उल्लेख किया गया.

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ED ने बिहार में रेप पीड़िता से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की ED ने बिहार में रेप पीड़िता से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की

आदित्य वैभव

  • पटना,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 10:27 PM IST

बिहार में ED के अधिकारियों ने शुक्रवार को आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ चल रहे मामले के सिलसिले में वादी महिला से पूछताछ की. महिला ने आजतक को बताया कि अधिकारियों ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था. उनसे पैसों के लेन-देन के बारे में पूछा गया, जिसका उन्होंने जवाब दिया. उन्होंने पूरी जांच के लिए एजेंसियों के साथ निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया और जरूरत पड़ने पर फिर से जाने को कहा. इसके साथ ही उन्होंने अपने बेटे का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की.

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दरअसल, 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हंस उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन पर और आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर गैंगरेप का आरोप लगा था. पटना एसएसपी राजीव मिश्रा द्वारा अपनी पर्यवेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ईडी ने मामले की जांच शुरू की, जिसमें स्पष्ट रूप से बड़े स्तर पर पैसे के लेन-देन का उल्लेख किया गया. 

आजतक ने पटना एसएसपी राजीव मिश्रा द्वारा 17 अप्रैल, 2023 को प्रस्तुत की गई पर्यवेक्षण रिपोर्ट पर गौर किया. पर्यवेक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि पीड़ित शिकायतकर्ता ने आईएएस अधिकारी और गुलाब यादव पर गैंगरेप का आरोप लगाया है. रिपोर्ट में शामिल फंड के स्रोत का पता लगाने की मांग की गई है.

पर्यवेक्षण रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि हंस ने चंडीगढ़ में सुरेश प्रसाद सिंघला के नाम पर 95 करोड़ रुपये में एक रिसॉर्ट खरीदा था, जिसके बाद ईडी अधिकारियों ने उनकी निर्माण फर्म के कार्यालयों पर छापेमारी की थी. 

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रिपोर्ट में आरोपियों पर पीड़िता के अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के अलावा आपराधिक यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है. पटना एसएसपी की पर्यवेक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यौन उत्पीड़न के बाद पीड़िता का गर्भपात कराया गया. पर्यवेक्षण रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आईएएस संजीव हंस स्पष्ट रूप से केस से जुड़े हुए हैं.

बता दें कि ईडी की कार्रवाई के बाद बिहार सरकार ने विवादित आईएएस अधिकारी संजीव हंस को गुरुवार को ही हटा दिया था और इस संबंध में राज्य सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी थी.

उधर, आरजेडी ने राज्य सरकार पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगाते हुए दागी अधिकारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. डबल इंजन सरकार पर निशाना साधते हुए आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने देरी से की गई कार्रवाई पर सरकार से सवाल किया. तिवारी ने बिना किसी लाग-लपेट के पूछा कि सरकार की कार्रवाई में क्या कमी है, जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

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