बिहार के गया शहर में भी ‘I Love Muhammad’ पोस्टर लगाए गए हैं. गया पटना मुख्य सड़क मार्ग और पंचायती अखाड़ा मोहल्ला में कई स्थानों पर यह पोस्टर नजर आ रहे हैं. यह पोस्टर हाल ही में लगाए गए हैं और यूपी में इसी तरह के पोस्टर को लेकर विवाद और झड़पें हुई थीं. पोस्टर पर गया कर्बला के खादिम सैयद शब्बीर शाह आलम ने कहा कि कानपुर में कुछ युवाओं के खिलाफ इस पोस्टर के कारण कार्रवाई हुई, जो पूरी तरह गलत है. उन्होंने कहा कि अगर 'I Love Muhammad' कहना गुनाह है तो ये गुनाह हर मुसलमान को करना चाहिए.
खादिम सैयद ने बताया कि मोहम्मद पैगंबर की जयंती पर अंग्रेजी में ‘I Love Muhammad’ का पोस्टर लगाया गया था, जिसमें किसी के खिलाफ कोई उद्देश्य नहीं था. अगर किसी को यह गलत लगता है और पुलिस प्राथमिकी दर्ज करती है, तो यह उचित नहीं है.
खादिम ने यह भी कहा कि गया शहर में इस विवाद के बीच आपसी भाईचारे और साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सियासत का रंग देने और आपस में नफरत फैलाने का काम बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा, 'अगर मुसलमान मोहम्मद से मोहब्बत नहीं दिखाएगा, तो वह मुसलमान नहीं है. यदि इजहारे मोहब्बत जुर्म है, तो देश के हर मुसलमान को यह जुर्म करने का अधिकार होना चाहिए. हमारे देश में हर धर्म की आजादी है. मुसलमान भी मोहर्रम में ताजिया लेकर निकलते हैं और हिंदू भी अपने प्रोसेशन करते हैं.'
'हर धर्म को यहां पूरी आजादी'
सैयद शब्बीर शाह ने कहा कि दशहरा का समय चल रहा है और हर धर्म को यहां पूरी आजादी मिली हुई है. उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब ने पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर पैगंबर के रूप में संदेश दिया. उनकी जिंदगी पर किताबें लिखी गई हैं और उनकी शिक्षाओं को अन्य पर सियासत करने के लिए नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
'सियासत का रंग देना गलत बताया'
खादिम ने जोर देकर कहा कि देश में अमन और शांति कायम रही है, सभी लोग आपस में मोहब्बत और भाईचारे के साथ रहते हैं. इसलिए किसी को सियासत का रंग देकर युवाओं के बीच नफरत फैलाने और हिंसा भड़काने का अधिकार नहीं है. उनका संदेश है कि शहर और देश के लोग आपस में प्रेम और सद्भाव के साथ रहें और किसी भी धार्मिक आयोजन को राजनीतिक हथियार न बनाएं.
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