कटिहार जिले में गंगा और कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. कुर्सेला प्रखंड के कई पंचायतों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. पानी का स्तर बढ़ने के कारण लोग अपने डूब रहे घरों को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे हैं और अस्थायी शरण स्थलों में अपना ठिकाना बना रहे हैं.
मंदिर, स्कूल, सड़कें, घर जलमग्न
गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाने से मंदिर, स्कूल, सड़कें और घर जलमग्न हो गए हैं. जिन जगहों पर सरकारी नाव की सुविधा है, वहां लोग आवागमन के लिए उसका इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं, जिन इलाकों में नाव नहीं पहुंच पा रही है, वहां ग्रामीण ड्रम से बने अस्थायी नाव का सहारा लेकर जरूरी काम निपटा रहे हैं. इस दौरान मवेशियों के लिए चारे की भारी किल्लत हो रही है और कई पक्के मकानों तक में पानी पहुंच चुका है.
फसलें भी हुई बर्बाद
किसानों के लिए यह बाढ़ दोहरी मार लेकर आई है. न सिर्फ उनकी खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं, बल्कि खेतों में लंबे समय तक पानी भरने से अगली बुआई भी प्रभावित होने की आशंका है. ग्रामीणों का कहना है कि हालात दिन-ब-दिन बिगड़ रहे हैं और सरकारी राहत का इंतजार लंबा हो रहा है. उन्होंने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से तुरंत राहत सामग्री, भोजन और सुरक्षित रहने की व्यवस्था की मांग की है.
गंगा और कोसी नदी का बढ़ रहा है जलस्तर
सीमावर्ती प्रखंडों में गंगा और कोसी नदी के जलस्तर बढ़ने से सड़क पुल और रेल पुल पर दबाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि हालात पर पूरी नजर रखी जा रही है और बाढ़ प्रभावित लोगों के आवागमन के लिए सरकारी नावों की प्राथमिकता के आधार पर व्यवस्था की जा रही है.
स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि बारिश और जारी रही तो बाढ़ का दायरा और बढ़ सकता है. ऐसे में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.
बिपुल राहुल