'सत्य का मार्ग कठिन अवश्य है मगर...' पार्टी-परिवार से निकाले जा चुके तेज प्रताप यादव ने क्यों कहा ऐसा?

आरजेडी के पूर्व नेता तेज प्रताप यादव बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चर्चा में हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर सत्य के मार्ग पर चलने की महत्ता पर प्रेरणादायक संदेश दिया, साथ ही जनता के बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनते हुए तस्वीरें साझा कीं.

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तेज प्रताप यादव बोले - सत्य के मार्ग से चलने से मनुष्य विजय होता है तेज प्रताप यादव बोले - सत्य के मार्ग से चलने से मनुष्य विजय होता है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2025,
  • अपडेटेड 8:17 AM IST

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चर्चा में बने हुए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति सदा विजय होता है का संदेश दिया है. 

सोशल मीडिया पर तेज प्रताप ने क्या कहा?

तेज प्रताप ने एक्स (पूर्व ट्विटर) लिखा, 'सत्या का रास्ता चुनने वालों की हमेशा जीत होती है. हमेशा सच की रास्ता पर चलना चाहिए. सत्य का मार्ग कठिन अवश्य है पर विजय सदा सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति की होती है. राजा हरीश चंद्र ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को दोबारा प्राप्त किया. पाडवों ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए कौरवों को युद्ध में हराया था'.

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इस पोस्ट के साथ उन्होंने दो तस्वीरें भी शेयर कीं. जिसमें वह आम लोगों की समय सुनते दिख रहे हैं. जैसे कि जनता दरबार में हुआ करता है. 

पूर्व सीएम लालू प्रसाद भी अपने कार्यकाल के दौरान ऐसे ही जनता दरबार लगाते थे और लोगों की परेशानियों को सुन उसे हल किया करते थे. 

तेज प्रताप के इस पोस्ट से ऐसा लग रहा है कि वह आगामी चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी और कटाक्ष के रूप में वह किसी अपने पर हमला कर रहे हैं. चाहे उन्हें पार्टी से छह सालों के लिए निष्कासित कर दिया गया हो. लेकिन वह चुनाव को लेकर गंभीर और एक्टिव हैं.  

क्यों तेज प्रताप को RJD से निकाला गया?

तेज प्रताप ने बीते महीने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी निजी तस्वीरों को शेयर कर दिया था. जिसके बाद प्रदेश में राजनीतिक तूफ़ान सा आ गया. 

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यह भी पढ़ें: 'ये सब लालू का नाटक है...', तेज प्रताप को परिवार से निकालने पर बोले जीतन राम मांझी

RJD के मुखिया लालू प्रसाद ने फिर तेज प्रताप को न सिर्फ पार्टी से छह सालों के लिए निष्कासित किया. बल्कि घर और परिवार से भी बाहर निकाल दिया. 

तेज प्रताप बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में चुनावी साल में उन्हें पार्टी से बाहर कर देना नुकसानदायक भी साबित हो सकता है. 

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