खाली बोतलें, रैपर और मशीनें... छापा पड़ा तो दुकान में मिला नकली दवाओं का जखीरा, ट्रैक्टर-ट्रॉली में ले जानी पड़ी खेप

बिहार के जमुई जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां दुकान की आड़ में करोड़ों रुपये की नकली दवाओं का कारोबार चल रहा था. पुलिस और ब्रांड प्रोटेक्शन टीम की संयुक्त कार्रवाई में भारी मात्रा में नकली दवाएं और निर्माण सामग्री जब्त की गई. अब इस पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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ट्रैक्टर ट्रॉली से ले जानी पड़ी नकली दवाओं की खेप. (Photo: Screengrab) ट्रैक्टर ट्रॉली से ले जानी पड़ी नकली दवाओं की खेप. (Photo: Screengrab)

राकेश कुमार सिंह

  • जमुई,
  • 31 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:21 AM IST

बिहार में जमुई जिले के खैरा इलाके में नकली दवाओं के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है. ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और जमुई पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी की, इस दौरान करीब एक करोड़ रुपये से ज्यादा की नकली दवाएं जब्त की गई हैं. छापेमारी के दौरान कफ सिरप, बुखार की दवाइयां और 600 से 800 रुपये प्रति बोतल वाली दवाइयों के साथ बड़ी मात्रा में खाली बोतलें, रैपर्स, मशीनें और पैकिंग सामग्री भी बरामद की गई.

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यह मामला खैरा थाना क्षेत्र के चौहानडीह गांव का है. यहां लंबे समय से गोदाम की आड़ में नकली दवाएं बनाने का गोरखधंधा फलफूल रहा था. लंबे समय से मिल रही शिकायतों के बाद जांच पड़ताल की गई. इसके बाद पटना से आई ब्रांड प्रोटेक्शन टीम के नेतृत्व में छापेमारी करते हुए खैरा पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में नकली दवाएं, कॉस्मेटिक, मशीन, रैपर, बोतल सहित कई तरह का सामान बरामद किया है. नकली दवाइयां इतनी भारी मात्रा में थीं कि उन्हें कई खेप में ट्रैक्टर से खैरा थाने लाया गया.

इस मामले में ब्रांड प्रोटेक्शन प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी अंजनी कुमार ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले सूचना मिली थी कि खैरा थाना क्षेत्र के चौहानडीह गांव में नकली दवाइयों का कारोबार चल रहा है. इसके बाद लगातार टीम इस पर नजर रख रही थी.

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मामले की जानकारी जमुई पुलिस अधीक्षक को दी गई. इसके बाद खैरा पुलिस की मदद से चौहानडीह स्थित एक मकान में छापेमारी की गई. इस दौरान करीब आधा दर्जन से अधिक ब्रांडेड कंपनियों के नाम वाली दवाएं भारी मात्रा में बरामद की गईं. बरामद दवाइयों में कफ सिरप, बुखार की दवाइयां शामिल हैं. इसी के साथ कई महंगी दवाएं भी शामिल हैं, जिनकी बाजार में कीमत 600 से 800 रुपये प्रति बोतल है. जब्त दवाओं की कीमत एक करोड़ से अधिक होने का अनुमान है.

अंजनी कुमार ने बताया कि छापेमारी के दौरान जिस तरह के सामान बरामद हुए हैं, उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस घर से नकली दवाइयों की बॉटलिंग हो रही थी. मौके से दवाइयां की खाली बोतल, टैबलेट को पैक करने के इस्तेमाल में लाया जाने वाला रैपर, बोतल के कैप, दवाओं का कार्टन, उसके रैपर के साथ-साथ बॉटलिंग में इस्तेमाल में लाया जाने वाला मशीन भी बरामद किया गया है.

जमुई के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन भी जांच के लिए खैरा थाने पहुंचे और पूरे मामले की पड़ताल की. उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नकली दवा और उसको बनाने का सामान बरामद किया गया है. जब्त की गई नकली दवाओं की लिस्ट तैयार कर ड्रग इंस्पेक्टर से सत्यापन कराया जाएगा, इसके बाद केस दर्ज होगा. मौके से नकली दवा के साथ खाली बोतल, रैपर और अन्य सामग्री मिली है. दवा बनाने का सामान मिला है. गिरोह के सरगना की पहचान हो गई है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

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